1.परिश्रम करने से इंसान की गरीबी दूर हो जाती हैं पूजा करने से पाप दूर हो जाते हैं ,जागते आदमी को डर नही लगता ,
यदि दो प्राणी झगड़ पड़े तो उन मे से एक प्राणी खामोश हो जाये तो झगड़ा मिट जाता हैं |जिस जगह झगड़ा हो रहा हो ,
वह पर कभी भी नही खड़ा होना चाहिए , कई बार ऐसे झगड़ो मे बेगुनाह मारे जाते हैं |यदि भयंकर अकाल पड़ जाये जो
तो ऐसे अवसर पर किसी बदमाश से मित्रता करने मे लाभ होता हैं |क्योकि बदमाश अपनी ताकत के बल बूते कही न
कही से खाना ले आयेगा |इस खाने को वह अपने मित्र को भी अवश्य ही खिलायेगा |
2.पुत्र ,मित्र और परिवार के अन्य लोग अक्सर अपने से दूर हो जाते हैं अच्छे लोगो के साथ रहने मे ही लाभ हैं | पुत्र
वंश का नाम रोशन करते हैं | हर प्राणी को पहले से ही सोचना चाहिए कि वह कोंन सा पाप कर रहा हैं |
3.मित्रता उस स्थान के लोगो से की जाये झा पर डर, शर्म,चतुरता ,त्याग जैसी आदते अवश्य हो , अन्यथा उस देश
अथवा उन लोगो के पास रहना भी उचित नही होता |
4.यदि जहर मे अम्रत मिला हो तो हंसी ख़ुशी पी लेना चाहिए |सोना यदि गन्दे जगह पर पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए |
शिक्षा यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने मे संकोच नही करना चाहिए |यदि दुष्ट वंश मे बुद्धिमान कन्या हो तो उसस
शादी कर लेनी चाहिए |गुण ही सबसे बड़ी विशेषता हैं |
5.जिस देश मे आदर नही ,जीने के साधन नही, विध्या प्राप्त करने के स्थान नही |वहाँ पर रहने का कोई लाभ नही क्योकि
वह पर उन्नति नही कर सकता
6.जहाँ पर अमीर लोग , वेदों के पथ करने वाले पण्डित दयालु राजा न हो , बीमार होने पर दवा -दारू का प्रबन्ध न हो ,
वहाँ पर रहना बेकार हैं |
7.यदि धन का नाश हो जाये , मन की शान्ति भंग हो जाये ओरत चरित्रहीन होने का संदेह आग लगा रहा हो ,इन सब बातो को
बुद्धिमान लोग दुसरो को नही बताते | जो व्यक्ति ऐसा करने की भूल करते हैं उनका लोग मजाक उडायेगे |
8.यदि इस संसार मको चलाने वाला ईश्वर हैं |तो मुझे अपने जीवन की कोई चिंता नही | हाँ यदि ऐसा विश्वास हो तो
फिर नवजात शिशु के लिए माँ के स्तनों का दूध कहाँ से आता हैं | यह सब कुछ आपका हैं |आप के होते हुए मुझे किसी
चीज की चिंता नही |बस आप ही मुझ पर क्रपा करो | मुझे इस संसार की हर बुराई से दूर रखो | प्राणी को यह चार गुण जन्म
से ही उपहार के रूप में मिलते है | दान देने की शक्ति , मीठे बोल ,धैर्य, धैर्य ज्ञान , यह परीगुन प्राणी को अपने संस्कारो के साथ
मिलते हैं | यह गुण मनुष्य के किसी के कहने से नही मिलते ,खरीदे नही जाते | यह तो सब ईश्वर की देन हैं |
9.जो प्राणी दान नही देता .भगवान की पूजा नही करता |साधू संतो का सामान नही करता , तीर्थ यात्रा नही करता ,ऐसे लोगो को
तो एक शव के बराबर ही समझ लेना चाहिए |
10.उल्लू दिन मे नही दिखता , इसमे भला सूर्य का क्या दोष हैं ? कदीन के पेड़ पर पते नही आते न फूल खिलते हैं |इसमे
बसन्त ऋतू का क्या दोष हैं ?
11.पागलो ने पत्थर के टुकडो को रत्न मन लिया हैं असली रत्न तो केवल अनाज ;पानी और ज्ञान ही होते हैं |इन तीनो रत्नों से बड़ा
और कोई नही हो सकता |
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1.औरत ताकत को कम करके अपनी और खिचती है |दूध शक्ति बढ़ता है |पकृति ने प्राणी के लिए हर चीज बनाई
है |उनके उपयोग अच्छाई अथवा बुराई के लिए किया जाये यह निर्णय केवल इंसान का फर्ज है |
2.गाय कुछ भी खाती है परन्तु दूध देती है | इसी दूध से बडिया से बडिया पदार्थ बनते है | इसी तरह से बुद्धिमान प्राणी कुछ भी करे
उनका ज्ञान कम नही होता |बुद्धिमान की एक -एक बात कीमती होती है ,बस उसके समझने का कष्ट करे |
3.इस संसार मे बहुत कम लोग ऐसे मिलेगे जो बाहर अन्दर से एक हो |हर आदमी मे बाहरऔर अन्दर मे अन्तर होता है | बाहर
से भला अन्दर से बुरा आदमी सदा ही चेहरे लगता है |जैसे हठी के दांत खाने के और दिखाने के और होते है |
4महापुरुषो के गुण देखो उनका काम नही | हर महापुरुष मे कोई न कोई बुराई तो होती है |श्री कृष्ण जी रासलीला करते थे |
राजा शांतनु धीवर कन्या पर मोहित हो गये थे |यह बात यद् रखो कोई भी महापुरुष अवगुण के नही होता |
5.धनवान को मित्र अपने आप ही मिल जाते है |धन मित्रता को जन्म देता है |धन के सब रिश्तेदार है |सत्य बात तो यह है
किजिसके पास धन है वही सच्चा और इज्जतदार माना जाता है |
6.शान्ति से बड़ा कोई तप नही होता ,क्योकि गुस्से मे इन्सान अपना सब कुछ भूलकर पागल सा हो जाता है |यहाँ तक कि
वह इसी बोझ कारण मृत्यु की गोद मे चला जाता है |
7.जो पागल यह समझते है कि कोई सुन्दर लडकी उनके प्यार के जाल मे फंस गई है ,ऐसे लोग प्रेम जाल मे अंधे हो कर बन्दर की भांति उसके
इशारों पर नाचा करते है |
8.जो औरत दुसरो से प्यार करती है | दुसरो की और देखती है | उस औरत का प्यार कभी भी धोखा दे सकता है |ऐसी औरत से सदा दूर रहना
चाहिए |क्योकि वे किसी एक की होकर नही रह सकती |जो नारी अपने पति का कहना नही मानती ,और व्रत रखती है ,ऐसी नारियां अपने पति
की आयु कम करती है ,इसलिए ऐसी नारियां को यह सोचना चाहिए कि पति की आज्ञा के बिना चलना उनके कभी भी लाभदायक नही हो सकता |
स्त्री न तो दान देकर और न ही तीर्थ यात्रा करके पवित्र हो सकती है |पाप करने पूर्व उन्हें यह सोच लेना चाहिए ,कि यह कभी भी नही धुलती |नारी
जब भी स्वर्ग की आशा करती है ,तो उसे यह सोच लेना चाहिए कि उसका यह स्वर्ग केवल पति की सेवा से ही प्राप्त हो सकती है |
9.मौत को इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति माना जाता है |मौत इस संसार के हर जीवन को खो जाती है | संसार के नष्ट हो जाने पर भी केवल मौत
का राज्य बाकी रह जाता है |मौत कभी भी सोती नही |सदा जगती रहती है | इसलिए मौत को कभी मत भूलो |जहाँ जीवन है वहा मृत्यु अवश्य होगी ,
मृत्यु के पश्यात केवल मृत्यु | इसलिए मृत्यु को हर समय यद् रखे |बुराई से बचे अच्छा कार्य करे |
10.ईश्वर महान है ,सर्वशक्तिमान है | इस संसार की साडी बागडोर ईश्वर के हाथ मे हैं |ईश्वर ही राजा को दास और दास को राजा बना देता हैं |
ईश्वर ही गरीब को अमीर और अमीर को गरीब बना देता हैं | ईश्वर पर भरोसा रखो ,वही सबका ख्याल रखता हैं |
1.प्रजा का कोप सब कोपो से भयंकर होता है | देश की जनता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है | इसलिए राजा को चाहिए कि
पहले प्रजा को सुखी रखे |यदि कोई भी राजा प्रजा को दू;खी रखेगा तो प्रजा एक दिन अवश्य ही विद्रोह कर देगी |इसी हालत मे
राजा को कोई भी नही बचा सकेगा |
2.राजा बुरा होने से तो राजा न होना ही अच्छा है |निकम्मे राजा से तो जनता कभी सुखी नही रहती |यदि बुधिहीन और
भ्रष्ट राजा हो तो उसके बिना जनता राज को चला लेगी |
3.राजा को चाहिए कि किसी ज्ञानी , बुद्धिमान को ही मंत्री बनाये ,जो राजनीती को जनता हो |ऐसे प्राणी को मंत्री बनाने से
पहले छुप-छुपकर उसकी परीक्षा ले |राजनीति और प्रेम को कभी एकसाथ न रखे |प्रेम व्यक्तिगत होता है | राजनीति
पूरी प्रजा के साथ चलती है | कहने का अर्थ यह है किमंत्री सदा राजनीति का ज्ञानी और जनता का सेवक हो |
4.बलवान राजा जो नही मिल सकता उसे भी पाने के लिए प्रयत्न करते है | जो बलवान है वही साहसी है | साहसी और
बलवान राजा ही अपने देश को उन्नति के शिखर पर ले जाते है |
5.तेल मे पानी नही मिलता है |घी मे से जल नही निकलता है | पारा किसी से नही मिल सकता | इसी प्रकार विपरीत स्वभाव वाले ,
एक दुसरे से कभी नही मिल सकते |
6.समय न तो किसी के रुकने से रुकता है समय अपनी गति से चलता रहता है ,समय किसी की प्रतीक्षा नही करता इसलिए समय की
कीमत को समझे ,गुजरा समय कभी वापिस नही आता ,सदा इन्सान ही समय की प्रतीक्षा करता है | समय का कोई मूल्य नही है ,
इससे लाभ उठाने वाले ही आगे बढ़ते है |
7. बड़े से बड़े ज्ञानियों पर भी बुरा समय आता है ,इसलिए ऐसे संकट समय के लिए धन अवश्य ही अपने पास रखे ,लक्ष्मी को चंचल कहा
गया है | इसलिए इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए |
8.यह एक सत्य है कि स्त्रिओ का खाना पुरुषो से दुगुना ,लज्जा चार गुनी सहारा छ: गुना ,काम वेग आठ गुना होता है | इस तरह औरत इन
सब बातो मे सबसे आगे हुआ करती है , जो हम सोच भी नही सकते | जहर मे यदि अम्रत मिले ,सोना यदि गंदी जगह पड़ा हो नीच आदमी से
भी यदि कोई रास्ता मिल सके ,दुष्ट कुल से भी यदि सुशील कन्या मिल रही हो तो उसे ले लेना चाहिए | ऐसा करने वाले कभी घाटे मे नही रहते |
9. पुत्र कैसा हो ? पिता का आज्ञाकारी हो |पिता कैसा हो ? जो सन्तान को अच्छी तरह पाल सके ,उसे अच्छी शिक्षा दे सके |मित्र कैसा हो ?
जो विश्वाश का पात्र हो , जो दुःख मे काम आ सके | पत्नी कैसी हो ?जिसमे सच्चा आनन्द प्राप्त हो ,जो प्यार दे ,दुःख- सुख मे बराबर
की साथी हो |
10.ऐसे मित्र से सदा दूर रहो , जो मुहँ का मीठा हो और पीठ के पीछे बुराइया और बनते कामो मे रोड़ा अटकाता हो |ऐसा दोस्त उस जहर भरे मटके
समान होता है जिसके मुहँ पर थोडा सा दूध भर दिया गया हो | बुरे मित्र का विश्वाश मत करो | अच्छे मित्र का भी पूर्ण रूप से विश्वास मत करो ,
उसे भी दिल के सारे भेद नही देने चाहिए |यदि कभी भी आप अमीर हो जाये तो वह आदमी कमजोरियों को उछाल कर बदनाम कर सकता हैं |
1.शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है |शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौन्दर्य दोनों ही कमजोर है |
2.सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज होता है पर अच्छाई सभी दिशाओ मे फेलती है .
3.किसी भी मनुष्य की वर्तमान सिथ्ति को देखकर उसके भविष्य का उपवास मत उडाओ क्योंकि काल मे
इतनी शक्ति होती है की वो एक मामूली सी कोयले के टुकड़े को हीरे मे बदल सकता है |
4.सोने की परख उसे घिस कर , काट कर , गर्म कर के और पिट कर की जाती है .उसी तरह व्यक्ति का
परिक्षण वह कितना त्याग करता है ,उसका आचारण केसा है,उसमे गुण कोंन से है और उसका व्यवहार केसा है
इससे होता है |
5.कभी नाश होने वाली चीज को छोड़ देता है ,तो उसके हाथ से अविनाशी वस्तु तो चलीं ही जाती हैऔर उसमे कोई संदेह नही
की नाशवान को भी वह खो देता है|एक बुद्धिमान व्यक्ति को किसी इज्जतदारघर की अविवाहित कन्या से व्यंग होने के बावजूद
भी विवाह करना चाहिए |उसे किसी हिन् घर की अत्यंत सुंदर र्स्त्री से भी विवाह नही करना चाहिए |शादी विवाह हमेशा बराबरी
के घरो मे उचित होता है |
6.मूर्खो से वाद-विवाद नही करना चाहिए क्योकि इससे केवल आप का ही समय नष्ट करेगे |
7.इस संसार मे आज तक किसी को भी अपने धन ,से स्त्रिओ से और भोजन से पूर्ण तृप्ति नही मिली |इनका जितना अधिक उपयोग
किया जाता है ,उतनी ही उसको पाने की कामना बडती जाती है |
8.व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले ही मर जाता है |वह स्वयं ही अपने अच्छे और बुरे कर्मो को बुगतता है और वह अकेले स्वर्ग या नरक
को जाता है |
9.मुर्ख से मूर्खो जैसी ही भाषा बोलनी चाहिए |
10.चन्द्रगुप्त: किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है तो कोशिश करने से क्या मिलेगा ; चाणक्य:क्या पता किस्मत मे लिखा हो की कोशिश से
ही मिलेगा |
11.बहुत से गुणों के होने के बावजूद भी सिर्फ एक दोष सब कुछ नष्ट कर सकता है |
12.बिना बुधि वाला व्यक्ति एक दुष्ट पिशाच के सिवाय कुछ नही है |
13.भय को नजदीक न आने दो अगर यह नजदीक आये इस पर हमला कर दो यानी भय से भागो मत इसका सामना करो |
14.मनुष्य स्वयं ही अपने कर्मो के दवारा जीवम मे दु:खो को बुलाता है |
15.मधुर वचन सभी को संतुष्ट करते है इसलिए हमेशा मधुर वचन ही बोलने चाहिए | जो व्यक्ति मीठे वचन बोलते है ,उनसे
सभी प्राणी प्रसन्न रहते है इसलिए मधुर वचन बोलने मे कैसी दरिद्रता ?
Chanakya Niti,Inspirational,Motivational
अस्थाई
1. पुरुष आदि काल से ही चंचल है |इस संसार मे भगवान को छोड़ कर हर चीज अस्थाई है |क्क्ष्मी तो रमणी है |सदा नृत्य करती है |यह धन
रिश्ते नाते ,घर द्वार सब अस्थाई है |इनमे से कोई किसी का साथ नही देता | साथ क्या देता है |केवल धर्म ही अटल सत्य है |यह ज्ञान का
भण्डार है |ज्ञान अस्थाई है |यह कभी प्राणी का साथ नही छोड़ता |मनुष्य की सुनने की शक्ति सबसे महान होती है | यह सुनकर ही ज्ञान पाता है |
यह सुनकर ही मोक्ष प्राप्त करता है |इस तरह के प्राणी हर अच्छी चीज केवल सुनकर ही ग्रहण करता है |,अच्छा -बुरा दोनों ही को प्राणी सुनता है
किन्तु बुराई से दूर रहते हुए | उसे केवल अच्छाई और ज्ञान की बोली को सुनना चाहिय |
कर्म
2.प्राणी जेसा काम करता है |वैसा ही उसे फल मिलता है | इन कर्मो के ही तो प्राणी इस संसार के माया जाल मे फंसा रहता है |अच्छे -बुरे काम |
और जब मोत आती है यह सब कुछ यही पर रह जाता है |कुछ भी तो प्राणी के साथ नही जाता |यदि पुरुष के साथ जाता है तो केवल उसके कर्म |
इस संसार मे केवल कर्म ही प्रधान है |कर्म फल ही प्राणी को मिलता है | जब प्राणी इस बात को अच्छी तरह जानता है कि मरने के बाद उसे
अपने कर्मो का फल मिलेगा तो फिर अच्छे कर्म क्यों नही करता है |
कलयुग का विनाश
1.कलयुग को इस संसार के विनाश का युग माना जाता है |चाणक्य जी के विचारो के अनुसार दो हजार पांच सौ वर्ष बीत जाने पर ग्राम देवता , ग्राम छोड़
देते है , अथार्त ग्रामवासियों का धर्म -कर्म छुट जाता है |कलयुग के अंत कालमे गंगा सुख जाती है और दस वर्ष बीत जाने पर स्वयं विष्णु भगवान पृथ्वी
छोड़ देते है यह सब चिन्ह इस बात की प्रतीक होते है कि अब महाप्रलय आने वाली है | महाप्रलय संसार का नाश करती है |उस समय सारा संसार मिट
जाता है |हर चीज का विनाश हो जाता है |यह होता है कलयुग का अंत |कलयुग के अंत पर नये संसार का निर्माण होता है |यह कर्म न जाने कब से चला
आ रहा है |
तीर्थ स्थान
2.तीर्थ यात्रा ,पूजा एवम तीर्थ स्थान | यह सब मन की ख़ुशी के लिए होते है | तीर्थो पर जाना केवल अपने पापो का प्रायिश्च्त कर सकते है |
यही धारणा लेकर तीर्थ यात्रा करते है |क्या आप समझते है |ऐसा करने से मनुष्य के पापो का बोझ हल्का हो जाता है ? नही | जिस तरह शराब का पात्र
जल दिए जाने पर भी शुद्ध नही माना जाता , वेसे ही तीर्थ स्थान पे जाकर ,वहाँ स्नान करने से कभी पाप नही धुलते |
महापापी
1.महापापी कोंन हैं | जो दूर आए भले सीधे -सादे प्राणी को विश्राम की जगह न दे ,जो घर आए मेहमान को खाना न खिलाये और उसके सामने स्वयं
खा ले ,जो दुसरो का माल हजम कर जाये ऐसे लोग महापापी होते हैं | राजा आग, गुरु ,इन सबके निकट जाना अच्छा नही होता | इनसे दूर रहने में ही लाभ हैं |
इससे इज्जत बनी रहती हैं | आग ,पानी ,सांप ,राजा ,इन सबसे मित्रता करने से घाटा ही घाटा हैं | यह क्रोध में आकर प्राणी की जान भी ले सकते हैं
पापी
2.कांठे और पापी के दबाने के दो ही रास्ते हैं |पहला उसे तरीके से समझाना | यदि वह प्यार से नही समझता तो फिर जूते से समझाना |
अम्रत
3.अमृत से सबको जीवन मिलता हैं ,परन्तु शिवाजी महाराज विष पीकर कर और भी पुज्यनिए होते हैं , इसलिए हर काम केवल पात्र पर निर्भर होता हैं |
निर्धन
1.यह एक खुला सत्य हैं कि निर्धन की वेश्य ,शक्तिहीन राजा को प्रजा ,फलहीन व्रक्ष | इन सबका कोई लाभ नही होता | वन में आग लगने पर हिरण,
विध्या प्राप्त करने पर विधार्थी भिक्षा लेने के पश्यात ,भिखारी ,यह बस अपने काम पूरे होते ही स्थान छोड़ कर चले जाते हैं |
अच्छा पुत्र
1.अच्छा पुत्र वही होता हैं जो माँ बाप की आज्ञा का पालन करे | वही पिता योग्य और अच्छा हैं ,जो अपनी सन्तान का पालन -पोषण अच्छे ढंग से करे |
सच्चा दोस्त वही होता हैं ,जो मित्र से विश्वासघात न करे |
खरा सोना
2.हर पहाड़ के अन्दर हीरे नही होते |हर हाथी के मस्तक पर मुक्त नही होती |सब स्थानों पर अच्छे आदमी नही मिलते | हर स्थान पर चन्दन नही होता |
हर चमकने वाली चीज सोना नही होती | यह सारी दुनिया विवादों से घिरी हुई हैं, इसलिए अपने में निर्णय लेने से पहले स्वयं ही सोचिए |दक्षिणा लेने के
पश्चात ब्राहमण यजमान को ,विध्या प्राप्त करने के बाद शिष्य गुरु को छोडकर चले जाते हैं ऐसे ही संसार में नियम हैं कि हर जीव-जन्तु ,मनुष्य अपने
काम होने पर छोड़ जाता नदी के किनारे खड़े पेड़ कभी भी टूट कर पानी में बह जाते हैं | दूसरे पुरुष को जान लेने वाली पत्नी कभी ठुकराई जा सकती हैं | बिना
मन्त्री का राजा कभी भी राज -पाट खो सकता हैं |
गुणवान
1. गुण की सब स्थानों पर पूजा होती हैं ,धन की पूजा नही |पूर्णिमा के चाँद को सब लोग पूजते हैं ,किन्तु दूज का दुर्लभ चाँद कही नही पूजा जाता |
गुणवान की प्रशंसा तो सभी लोग करते हैं,यदि गुणवान अपने मुहँ से स्वयं प्रशंसा करे तो अच्छा नही लगता | गुण समझदार आदमी के पास जाकर
निखर जाता हैं | हीरे- मोती की कीमत वे क्या जाने ,रत्न तो शीशे में जड़ जाने के पश्चात ही चमकता हैं |मणि क्या तभी शोभा देती हैं, जब उसे सोने में जड़ा
जाये |प्राणी की चार चीजो की भूख कभी नही मिटती |धन ,जीवन ,वासना और भोजन |सब्के के लिए हर मनुष्य सदा भूखा रहता हैं भले ही उसे यह चीजे
जितनी भी मिल जाये लेकिन उस की लालसा नही मिटती | अन्न से बढकर कोई दान नही | द्वादशी से बढकर कोई तिथि नही |कोई देवी , देवता ,माँ- बाप
से बढकर नही | यह एक सत्य हैं |
सत्य
2.सांप के दांत में जहर होता हैं | मक्खी के सिर में और बिच्छू की दुम में जहर होता हैं | परन्तु बुरे इन्सान के तो पुरे शरीर में जहर होता हैं |बुरा प्राणी सबसे अधिक जहरीला होता हैं
3. चन्दन का पेड़ कट जाने से उसकी खुश्बू समाप्त नही हो जाती | हाथी बूढ़ा होने पर भी चंचल रहता हैं |ईख कोल्हू में पीसे जाने पर भी अपनी
मिठास नही छोड़ता |सोना आग में डालने के पश्यात भी अपनी चमक नही खोता , इसी प्रकार से अच्छेखानदानी लोग कही भी चले जाये वे अपने गुणों
को नही छोड़ते |गुण और उसकी अच्छाई सदा ही उनके साथ रहते हैं |
वश में करना
1.जो काम आप बड़ी से बड़ी रकम खर्च करके भी नही कर सकते ,वह किसी को वंश में करके कर सकते हैं जैसा कि –
अहंकार को हाथ जोड़ कर | पागल को अपनी मनमानी करने देकर | पंडित vके आगे सत्य बोलकर | विद्वान् का दिल जित कर
इसी तरह से आप अपना काम पूरा कर सकते हैं | साथ ही लड़ाई झगड़े से भी बच सकते हैं | किसी को वश करना भी एक कला हैं |
श्रदा
2.मन में श्रदा हो तो घर में ही गंगा हैं |
इसी कारण लोभी को दुसरे के दोषों से क्या लेना |
चुगलखोर को दुसरे के पापो से क्या लेना |
मन यदि शुद्ध हो ,ज्ञानी हो तो दुसरो के गुणों से क्या लेना |
ज्ञान
3.बिना गुण के केवल पुस्तको के सहारे ज्ञान प्राप्त करने वाला प्राणी बिल्कुल उस ओरत की भांति हैं, जो बिना पति के सन्तान पैदा करने की आशा रखती हैं|