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12 Rules of Chanakya Niti for Success

14 Nov , 2019  

1.  जो व्यक्ति बिना किसी बात के दुखी रहता है तो उससे भी लोगों को दूर रहना चाहिए। चाणक्य का कहना था कि कुछ लोग भगवान द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं अपना दुख प्रकट करते रहते हैं, तो ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।

Chanakya Niti

 

2. चाहे स्त्री हो या पुरुष अगर वह मूर्ख हो तो उसे व्यर्थ की सलाह नहीं देनी चाहिए। क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा करना बिल्कुल व्यर्थ होता है। उन्होंने ऐसा इस आधार पर कहा था कि बुद्धिहीन व्यक्ति ज्ञान की बातों में भी अपने कुतर्कों को ले आते हैं जिससे ज्ञानी लोगों का कीमती वक्त बरबाद हो सकता है। इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहें।

 3. आचार्य चाणक्य का मत था कि जिस प्रकार के किसी ब्राह्मण के पास ज्ञान की शक्ति होती है उसी प्रकार के पास किसी महिला का सौंदर्य और यौवन ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है।

4. चाणक्य ने उचित सलाह देते हुए कहा कि हमें किसी भी राजा या उसके प्रशासन से बैर नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमारे प्राण संकट में पड़ सकते हैं। क्योंकि राजा का विरोध करने का सीधा मतलब होता है कि आप सीधे सीधे मौत को दावत दे रहे हैं, इसलिए ऐसा करने से हमें बचना चाहिए।

5. कोई व्यक्ति अगर खुद की आत्मा से द्वेष करता है। मसलन वो अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखता है, या उसके प्रति सचेत नहीं रहता है, हमेशा खान-पान को लेकर असावधानी बरतता है तो वो हमेशा मृत्यु के निकट रहता है। शास्त्र कहते हैं कि मनुष्य ही खुद का सबसे बड़ा मित्र और शत्रु होता है इसलिए हमें हमेशा अपने शरीर का ख्याल रखना चाहिए।  

6. वह क्या है जो कवि कल्पना में नहीं आ सकता. वह कौनसी बात है जिसे करने में औरत सक्षम नहीं है. ऐसी कौनसी बकवास है जो दारू पिया हुआ आदमी नहीं करता. ऐसा क्या है जो कौवा नहीं खाता

7. किसी व्यक्ति का मेहनत से कमाया हुआ धन उसके दुश्मनों के हाथ में चले जाए तो वह बर्बाद हो जाता है। क्योंकि उसका दुश्मन वह धन उसी के विरूद्ध उपयोग करेगा। जिससे कि वह पराजित होगा और अपनी व अपने परिवार की जीविका ठीक ढंग से नहीं चला पाएगा।

8. बिना सोचे समझे खर्च करने वाला, झगड़े पर आमदा आदमी, अपनी पत्नी को दुर्लक्षित करने वाला, जो अपने आचरण पर ध्यान नहीं देता है. ये सब लोग जल्दी ही बर्बाद हो जायेंगे

9. हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया. हम भविष्य की चिंता भी ना करे. विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है

10. जो भविष्य के लिए तैयार है और जो किसी भी परिस्थिति को चतुराई से निपटता है. ये दोनों व्यक्ति सुखी है. लेकिन जो आदमी सिर्फ नसीब के सहारे चलता है वह बर्बाद होता है

11. नीच वर्ग के लोग दौलत चाहते है, मध्यम वर्ग के दौलत और इज्जत, लेकिन उच्च वर्ग के लोग सम्मान चाहते है क्यों की सम्मान ही उच्च लोगो की असली दौलत है

12. चाणक्य के साथ साथ ऐसा हमारे घर के बड़े भी कहा करते हैं कि हमें अपने से बलवान व्यक्ति से नहीं टकराना चाहिए, फिर वो चाहे पैसे से बलवान हो या फिर शरीर से। हमें हमेशा अपने से बलवान व्यक्ति से मधुर संबंध बनाए रखने चाहिए , क्योंकि ऐसे व्यक्ति से दुश्मनी मोल लेने का सीधा मतलब होता है मौत को न्योता देना।