Chanakya NIti

Chanakya Niti

Best Chanakya Niti in Hindi

19 Feb , 2018  

1.प्रजा  का कोप सब कोपो से भयंकर होता है | देश की जनता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है | इसलिए राजा को चाहिए कि

पहले प्रजा को सुखी रखे |यदि कोई भी राजा प्रजा को दू;खी  रखेगा तो प्रजा एक दिन अवश्य ही विद्रोह कर देगी |इसी हालत मे

राजा को कोई भी नही बचा सकेगा |

Chanakya NIti

 

2.राजा बुरा होने से तो राजा न होना  ही अच्छा है |निकम्मे राजा से तो जनता कभी सुखी नही रहती |यदि बुधिहीन और

भ्रष्ट राजा  हो तो उसके बिना जनता राज को चला लेगी |

 

3.राजा को चाहिए कि किसी ज्ञानी , बुद्धिमान को ही मंत्री बनाये ,जो राजनीती को जनता हो |ऐसे प्राणी को मंत्री बनाने से

पहले छुप-छुपकर  उसकी परीक्षा ले |राजनीति और प्रेम  को कभी एकसाथ  न रखे |प्रेम व्यक्तिगत होता है  | राजनीति

पूरी प्रजा के साथ चलती है | कहने का अर्थ यह है किमंत्री सदा राजनीति का ज्ञानी और जनता का सेवक  हो |

 

4.बलवान राजा  जो नही मिल सकता उसे भी पाने के लिए प्रयत्न करते है | जो बलवान है वही साहसी है | साहसी और

बलवान राजा  ही अपने देश को उन्नति के शिखर पर ले जाते है |

 

5.तेल मे पानी नही मिलता  है |घी मे से जल नही निकलता है | पारा किसी से नही मिल सकता | इसी प्रकार विपरीत स्वभाव वाले ,

एक दुसरे से कभी नही मिल सकते |

 

6.समय न तो किसी के रुकने से रुकता है  समय अपनी गति से चलता रहता है ,समय  किसी की प्रतीक्षा नही करता इसलिए समय की

कीमत को समझे ,गुजरा समय कभी वापिस नही आता ,सदा इन्सान ही समय की प्रतीक्षा करता है | समय का कोई मूल्य नही है ,

इससे लाभ उठाने वाले ही आगे बढ़ते है |

 

7. बड़े से बड़े ज्ञानियों पर भी बुरा समय आता है ,इसलिए ऐसे संकट समय के लिए धन अवश्य ही अपने पास रखे ,लक्ष्मी को चंचल कहा

गया है | इसलिए इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए |

 

8.यह एक सत्य है  कि स्त्रिओ का खाना  पुरुषो से दुगुना ,लज्जा  चार गुनी सहारा  छ: गुना ,काम वेग आठ गुना होता है | इस तरह औरत इन

सब बातो  मे सबसे आगे हुआ करती है , जो हम सोच भी नही सकते  | जहर मे यदि अम्रत मिले ,सोना यदि गंदी जगह पड़ा हो नीच  आदमी से

भी यदि कोई रास्ता मिल सके ,दुष्ट कुल  से भी यदि  सुशील कन्या मिल रही हो तो उसे ले लेना चाहिए | ऐसा करने  वाले  कभी घाटे मे नही रहते  |

 

9. पुत्र  कैसा हो ? पिता का आज्ञाकारी  हो |पिता कैसा हो  ? जो सन्तान को अच्छी तरह पाल सके ,उसे अच्छी शिक्षा दे सके  |मित्र कैसा हो ?

जो विश्वाश का पात्र हो , जो दुःख मे काम आ  सके  | पत्नी कैसी हो  ?जिसमे सच्चा आनन्द प्राप्त हो ,जो प्यार दे ,दुःख- सुख  मे बराबर

की साथी हो |

10.ऐसे मित्र से सदा दूर रहो , जो मुहँ का मीठा हो  और पीठ के पीछे  बुराइया  और बनते कामो मे रोड़ा अटकाता हो  |ऐसा दोस्त उस जहर  भरे मटके

समान होता है  जिसके मुहँ पर थोडा सा दूध  भर  दिया गया हो  | बुरे मित्र का विश्वाश मत करो  | अच्छे मित्र का भी पूर्ण  रूप से विश्वास  मत करो ,

उसे भी दिल के सारे भेद नही देने चाहिए  |यदि कभी भी आप  अमीर हो जाये तो वह  आदमी कमजोरियों को उछाल कर बदनाम कर सकता हैं |