Chanakya Niti,Quote

Top In 10 Chanakya Niti in Hindi

9 Jul , 2018  

1. सृष्टि  के स्वामी ब्रहा ने सोने मे सुगंध  नही डाली ,ईख के खेतो मे फल नही लगाए,चन्दन के व्रक्ष  मे फूल नही लगाए,विद्वान्  प्राणियो को

धनी और राजा को दीर्घजीवी  नही बनाया |इससे तो ऐसा पता चलता हैं कि पूर्व काल मे ईश्वर को बुदी  देने वाला नही था |

Chanakya Niti

 

2.विधार्थी ,नौकर , राही ,भूख से पीड़ित डर से डरा हुआ ,भंडारी और दारपाल यदि यह मात्र सोते हैं तो इन्हे हर हाल मे जगा  देना चाहिए 

इनके सोने से हानि होती हैं और जागते रहने से लाभ होता हैं |

 

3.सांप ,राजा ,बाघ ,सूअर ,बालक ,दुसरे का कुता और मुर्ख यदि यह सब के सब सो रहे हो तो इनको जगाने की भूल  नही करनी चाहिए |

 

4.जिसको गुस्सा आने पर उससे कोई नही डरता और खुश होने पर धन प्राप्त होने की आशा नही करता ,जो न तो दण्ड दे सकता हैं और न ही

क्रपा  कर सकता हैं ,ऐसे प्राणी यदि रूठ भी जाये तो किसी का क्या बिगाड़ सकते हैं |

 

5.जिन सांपो मे जहर नही होता ,उन्हें भी अपना फन फैलाना  चाहिए |यह तो कोई नही जानता कि इस फन मे जहर  है कि भी नही | हाँ 

आडम्बर  से दुसरे  लोग डर अवश्य ही जाते हैं |

 

6.मुर्ख लोग सुबह के शुभ समय जुआ खेलना आरम्भ कर देते हैं |दोपहर के समय नारी के साथ सम्भोग करते हैं |और रात के समय 

चोरी अथवा अन्य बुरे काम करने के लिए घर से निकलते हैं |

 

7. अपने हाथ से गुंथी हुई माला ,अपने हाथ से घिसा हुआ चन्दन और अपने हाथ से लिखा हुआ स्तोत्र | यह सारे काम इंद्र देवता

की शोभा और लक्ष्मी को हर लेते हैं |अथवा जो लोग माला को गूंथते हैं उसका परिश्रम उस लाभ से भी अधिक होता हैं |जो इसके

धारण करने से होता हैं |

 

8.ईख ,तिल, क्षुद्र  नारी सेना .जमीन ,चन्दन -दही और पान को जितना भी मिलाया जाता हैं ,उतने ही उसके गुण बढ़ते हैं |

 

9.जो प्राणी निर्धन हैं ,गरीब हैं वह धन से हीन  नही हैं |यदि वह विद्या रूप धन  रखता हैं |तो इसमे क्या संदेह हैं |कि वह धनवान हैं |

विद्या  तो ऐसा धन हैं जो सबसे अनमोल हैं | परन्तु जिन लोगो के पास विद्या धन नही हैं ,वे सभी चीजो से हीन  माने जाते हैं |

 

10.हर मानव के लिए यह जरूरी हैं कि वह नीचे धरती पर अच्छी तरह देखकर ही अपने कदमो को आगे बढाये |जल को कपड़े से

छान कर पीये | शास्त्रों के अनुसार ही सोच -समझकर वचन बोले तथा मन मे सोच -विचार करके ही अच्छे और शुभ  व्यवहार करे |

ऐसे ही लोग उन्नति करते हैं और समाज मे सम्मान पाते  हैं |

 

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Top 7 Chanakya Niti in Hindi

2 Jul , 2018  

1.सोना आग मे डालने के पश्चात भी अपनी चमक नही खोता ,इसी प्रकार से अच्छे खानदानी लोग कही भी चले जाये वे अपने गुणों को नही छोड़ते |गुण ओर उनकी अच्छाई सदा ही उनके साथ रहते हैं |

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2.इस धरती पर कोन  ऐसा हैं ,जिसे धन पाकर गर्व न हुआ हो |ऐसा कोन प्राणी हैं ,जिसे नारी ने व्याकुल न किया हो |कोन मौत के पंजे से बच पाया  हैं |कोन ऐसा हैं जो ब्रै के जाल मे न फंसा हो |कोन ऐसा हैं , जो मजेदार खानों को देखकर मुहँ मे पानी न भर लाया हो |श तो यह हैं कि हम सब के सब हमाम मे नंगे हैं |

 

3.इस संसार मे बड़ा कोन हैं ?नये कपड़े अथवा दानी |धोबी जो सुबह के समय वस्त्र लेकर ,रात को वापिस आता हैं |चालाक कोन हैं दुसरो के धन  औरत औरत का हरण करने मे सभी चतुर हैं |यह सब कैसे जीते हैं ? गंदगी के कीड़े केवल गंदगी मे ही जीते हैं |इन सब चीजो को देखकर ही तो कहा गया हैं |कि बड़ा आदमी केवल अपने गुण और कार्य से ही पहचाना  जाता हैं | अच्छे कपड़े पहन लेने से सुंदर स्वस्थ शरीर वाले लोग यदि अपने अन्दर कोई गुण नही रखते ,तो उन्हें बड़ा नही कहा जा सकता |

 

 

4.पुरुष की तुलना मे नारी का आहार दो गुना, शर्म चार गुनी ,साहस छ: गुना और कामवासना आठ गुनी अधिक होती हैं | नारी पुरुष की अपेक्षा  कही अधिक कोमल होती हैं |किन्तु वह पुरुष से अधिक भोजन करती हैं |इसी कारण उसमे वासना की आग पुरुष से अधिक होती हैं |नारी फल भी हैं और पत्थर भी |राजा पत्नी गुरु -पत्नी और सास , माता के समान होती हैं |इसलिए  इनको बुरी नजर से नही देखना चाहिए |इनका  माँ के समान ही आदर करना चाहिए |ऐसा न करने वाले महापापी कलंकी होते हैं |उन लोगो की तो छाया  से भी बचना चाहिए |

 

 

5.  सोने मे खुशबु नही होती | ईश्वर  के साथ किसी ने चन्दन का फूल खिलते नही देखा | चाँद दिन मे नही निकलता |क्या विधाता  इन सब कर्मो को बदल  नही

सकता था ? ऐसा करने के लिए कोई विधाता को बुदी देने वाला कोई नही था ? यह सोच कर आप भी हैरान होंगे |परन्तु |यह मत भूले कि यह सब कुछ प्रकति के

नियमानुसार ही हो रहा हैं |इन नियमो का पालन विधाता को भी करना पड़ता हैं |इन्ही नियमो के उपर प्रकति चल रही हैं |

 

6.जिस प्राणी की माता लक्ष्मी और पिता स्वयं भगवान हो ,विष्णु के उपासकउसके भाई हो ,तीनो लोक उसके लिए अपने देश के समान हो जाते हैं 

वह सदा सुखी रहता हैं |

7.सेवा का अवसर आने पर सेवको का पता चलता है |रिश्तेदारों का पता दू;ख के समय पता लगता हैं | दोस्ती का पता भी संकट की  घड़ी मे 

लगता हैं पत्नी के प्यार की परीक्षा भी उस समय ली जाती जब आदमी निर्धन हो जाता हैं |जो दू;ख और गरीबी मे साथ देते हैं ,उन्हें ही अपना 

सच्चा साथी मानना चाहिए | जो लोग मिली हुई चीज को छोडकर उस चीज के पीछे भागते हैं जिसके मिलने की कोई आशा ही न हो ,ऐसे लोग

मिली होई चीज भी खो देते हैं |ऐसे लोगो को देखकर कहा गया हैं कि आधी छोड़  सारी कर दौड़ा ,आधी भी न रहा |

 

 

 

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Top 10 in Chanakya Niti On intelligent

12 Jun , 2018  

1.बुदिमान लोगो के लिए  यह जरूरी है कि वह अपने बुरे समय के लिए धन  कमाकर रखे और उस धन की रक्षा  भी

पुरे ध्यान से करे |परन्तु धन और स्त्री से भी अधिक उन्हें अपनी रक्षा की और ध्यान देना अति आवश्यक है  ,क्योकि

जब उनका अपना ही नाश हो जायेगा तो धन और स्त्री किस काम आयेगे ?

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2.जो लोग बने हुए  काम को छोडकर न बनने वाले काम के पीछे भागते है , उनका बना हुआ काम भी बिगड़ जाता है |

जो पहले से ही न होने वाला है वह तो तो पहले से नष्ट है ही |

 

3.विष मे अम्रत को ,अशुद पदार्थो मे सोने को ,नीच से भी शिक्षा को और दुष्ट कुल से नारी रत्न  को बिना संकोच  के

ग्रहण कर लेना चाहिए |

 

4.पुरुषो से नारियो का आहार दुगुना ,बुधि चौगुनी , साहस छ: गुना | और काम भाव आठ  गुना  बताया गया है |

 

5.ऐसे लोग जो मुह पर तो मीठी -मीठी बाते करते है लकिन पीठ के पीछे सब कामो को बिगाड़ देते है उनको त्याग

देना चाहिए  क्योकि वह सब उस विषकुंभ  के समान है जिसके उपर तो दूध ही दुध भरा होता है |परन्तु  उसके अन्दर

विष भरा होता है |ऐसे लोगो से सावधान रहना चाहिए |

 

6.सारे पहाड़ो पर हीरे -जवाहरात  नही होते अथार्त हर पत्थर हीरा नही होता  |सभी हाथियों के मस्तक  मे मोती नही

होता | अच्छे और भले लोग हर स्थान पर नही मिलते  और हर जंगल मे चन्दन के पेड़ नही होते |

 

7.जो माँ -बाप अपने बच्चो को अधिक लाड प्यार से पालते है ,उनकी हर अच्छी -बुरी इच्छा  पूरी करते है , ऐसे बच्चो

मे अनेक बुरी आदते जन्म ले लेती है  जो बड़े होने पर उनकी प्रगति मे रोड़ा बन जाती है |इसलिए बचपन से ही  बच्चो

को बुरी आदतों  से बचाकर रखना चाहिए |लाड -प्यार करने के साथ ही बच्चो  को समय -समय पर प्रताड़ित  भी करते रहना

चाहिए |

 

8.यदि कोई मुर्ख प्राणी  आपको मिले तो उसका त्याग करो | क्युकी वास्तव मे वह दो पांव  का पशु होता है | ऐसे प्राणी वचन

रूपी बाणों से मनुष्य को ऐसे बींधता है जैसे रास्ते का काँटा शरीर मे चुभकर  उसे बींधकर एक दर्द पैदा करता है |

 

9.राजा लोग केवल एक बार आज्ञा देते है , पण्डित लोग एक बार बोलते है |अपनी प्रतिज्ञा पर द्रढ़ रहते हुए  कन्या दान भी

केवल एक बार ही  किया जाता जाता है | यह तीनो बातो केवल एक बार होती है |बार -बार यह सब नही होता |

 

10.पत्नी वही है जो पवित्र हो ,जो चतुर हो , जो पतिव्रता बन रहे ,जो अपने पति से प्रेम करती हो , जो सत्य बोले ,झूठ से

घ्रणा करे ,केवल इसी ही नारी  मान- सम्मान और पालन -पोषण करने योग्य मणि गई है |

 

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Top10 Chanaky Niti in Hindi

9 Jun , 2018  

1.पहले  क्या किसी ने सोने का म्रग  देखा था  ? कभी नही , फिर सीता जी देखा था , राम जी देखा था , राम जी ने उसी हिरन

का पीछा किया ,इसके फलस्वरूप  सीता -हरण भी हुआ  ऐसा इसलिए हुआ कि विनाश काल आना था ,तभी तो  हर काल का

उल्टा  होता चला गया  इसलिए कहा गया है  विनाश के दिन आते है  तो बुधि नष्ट हो जाती हैं | शक्ति जिसमे नही , वह साधु

बन जाता हैं |जिसके पास धन न हो , वह ब्रह्मचारी बनता हैं | बूढी औरत  सबसे से  अधिक पतिव्रता बनती हैं | यह सबके सब

ढोंगी  होते हैं  जैसे कि कभी ताकतवर साधु नही बनता , धनवान ब्रह्मचारी नही बनता ,सेहतमंद  आदमी भक्ति नही करता ,

सुंदर नारी पतिव्रता  धर्म के गुण कं ही गति हैं  |

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2.राजा, वैश्या , यमराज ,आग, चोर , बालक ,याचक ,झगड़ा  करने वाला ,यह आठो ऐसे हैं  जिनके लिए दुसरो का दुःख -सुख

का कारण  बनता हैं  | कांचली मे सांप  रहते हैं , कीचड़ मे कमल के फूल खिलते  हैं , इसलिए प्राणी अपने ही  गुणों से ऊँचा उठ

सकता  हैं  |

 

3.घटिया  लोग  सदा  धन  के लाभ मे अंधे  रहते हैं | मध्य वर्ग के लोग  धन के साथ -साथ  अपनी इज्जत भी चाहते हैं  |उतम

लोगो को केवल  आदर सत्कार की भूख होती हैं  | यह बात न भूले  किधन से कहाँ  अधिक इज्जत  होती हैं |

 

4.हाथी को  अकुंश से , घोड़े को चाबुक से ,सींग वाले पशु को डंडे से ,दुर्जन को तलवार  से दंड देना चाहिए | प्रत्येक के साथ  उनके

व्यवहार के हिसाब  व्यवहार करना चाहिए |

 

5.विधार्थी  ,नोकर , भूखा आदमी ,खजांची ,चोकीदार ,बुद्धिमान ,यदि वह लोग सो रहे हो तो  इंन्हे जगा देना उचित होता हैं | क्यों ?

विधार्थी  अगर सोया रहेगा , तो उसकी पढाई नही होगी  नोकर सोयेगा तो मालिक उसे  काम से निकल देगा  |भूखा यदि सोया रहेगा

तो रोटी की तलाश कौन  करेगा ?  खजांची सोये तो खजाने की रक्षा कौन  करेगा ?  विद्वान  सोएगा तो उसका काम कौन  करेगा  ?

 

6.जिन लोगो के क्रोध सहने पर डर पैदा होता हैं  |जिसके खुश होने पर धन नही मिलता  | जो न तो कोई सजा दे सकता हैं  |न ही

किसी भलाई कर  सकता हैं |  ऐसे लोगो को चिकना घडा कहा जाता हैं  |

 

7.जीवन मे कुछ कष्ट अधिक  ही दु:खदायक  होते हैं | इन कष्टों के कारण  शरीर बिना  आग  के जल जाता हैं  जैसा कि पत्नी

का वियोग ,अपनों द्वारा  किया अपमान ,बचे हुए कर्ज का न दे पाना , दुष्ट राज की सेवा  , दुष्टों का संग | यह सब  चीजे दु:खदाई

होती  हैं  |

 

8.नदी किनारे पेड़  |दुसरो के घर  रहने  वाली अपनी पत्नी  | बिना मंत्री का राजा | यह हर साल मे नष्ट हो जाते हैं |  नदी के

किनारे का पेड़  नदी के कटाव के कारण  गिर जाता हैं  पत्नी अलग रहने के कारण  अच्छा सलाह न पाने के कारण,राजा  जब

राज न चला सके  तो प्रजा  विद्रोह  कर देती हैं  |

 

9.हर काम सीमा के अन्दर रहकर करना चाहिए | सीमा से बाहर किया हुआ हर काम नुकसान देता हैं  | बहुत सुन्दर होने के कारण

सीता जी का अपहरण हुआ | सीमा से भी अधिक गर्व करने के कारण  रावण मारा गया | सीमा से बाहर आकर दान

से राजा बलि को बन्धन मे बंधना पड़ा |

 

10.असली दोस्त वही हैं  जो दोस्त के काम आये  सच्चे दोस्त को  भाई के समान  माना  गया हैं | यही कारण हैं  कि दोस्ती ही

इंसान के काम आती हैं  |

 

 

 

 

 

 

 

 

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Top 10 IN Chanakya Niti For Nari

7 Jun , 2018  

.1.वह  नारी उतम मानी जाती हैं  जो पवित्र हो ,चालाक हो ,चालाक को पतिव्रता हो | जो अपने पति से प्रेम करती हो ,सत्य बोलती हो ,

ऐस गुणों वाली औरत जिस घर मे होगी वह घर सदा सुख के झूलो मे झूलेगा |उस घर मे खुशियाँ  ही खुशियाँ होगी |उसी घर को  भाग्यशाली

घर कहा जा सकता हैं |

2. इस संसार का हर प्राणी औरत को पालने की आशा करता  हैं |यहाँ तक की बड़े -बड़े विद्वान् ,महापंडित ,ज्ञानी ,देवता ,आखिर यह सब

क्यों होता हैं |यह आपने कभी सोचा |

3.इस  संसार की सबसे बड़ी शक्ति कोंन- सी हैं ? क्या आप कल्पना कर सकते हैं | कि इस संसार को जीत लेने वाला पुरुष  उस शक्ति

के आगे ऐसे पिंघल जाता हैं  जैसे आग के सामने मोम |वह शक्ति -नारी की जवानी और सुन्दरता |

4.अत्यंत सुंदर औरत का शरीर क्या हैं ? मांस , हाड़ और उसके  यौवनांग |पुरुष इसी मे खो जाना चाहता हैं | किन्तु सत्य  यह हैं |

कि यही सबसे बड़ा नर्क हैं | आप इससे जितना भी बच कर रहेगे ,उतना ही लाभ होगा |

5.औरत कितनी  भी बड़ी हो जाये ,किन्तु वह अपने को सदा सुंदर और जवान ही समझती रहती हैं |उसकी यही इच्छा होती हैं |

कि वह सदा जवान ही रहे तांकि पुरुष उसके पीछे -पीछे घूमता रहे |

6.औरत के चेहरे की सुन्दरता और उसके शरीर की बनावट पर पुरुष मरता हैं |यही कारण हैं कि वह एक औरत के साथ रहते 

हुए भी किसी दूसरी औरत को बुरी नजरो से देखता हैं |

7.मासिक धर्म के पश्चात नारी कुवांरी लडकी जैसी ही पवित्र हो  जाती हैं | पुरुष को यह सलाह दी जाती हैं कि भूलकर भी  मासिक धर्म

के दिनों मे औरत से सम्भोग न करे |

8.इस दुनिया मे अधिकतर ,युद्ध,दुर्घटनाए ,केवल नारी के कारण  ही हुई हैं |इसीलिए बुदिजीवी को यही सलाह दी जाती हैं कि ये औरत

के इस माया जाल से दूर रहे |

9.जो नारी सुबह के समय अपने पति की सेवा ,माँ के समान करती हैं और दिन मे बहन के समान प्यार देती  हैं |और रात मे वेश्या की

भांति ,उसे अपने शरीर का आनन्द दे उसे ही सत्य से अच्छी और गुणवान पत्नी माना जाता हैं |

10.परिवार के झगड़ो के पीछे अधिकतर हाथ नारी का ही होता हैं |इसलिए बुद्धिमान पुरुषो को यह सोच लेना  चाहिए कि केवल औरत  के पीछे

लड़ने  झगड़ने का कोई लाभ नही | यह थे नारी के बारे मे चाणक्य जी के विचार |

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Top 10 Chanakya Niti n Hindi

2 Apr , 2018  

1.मृत्यु सब इंसानों को कहा जाती है | जब सारा संसार समाप्त  हो जाता है  तो काल फिर भी जागता रहता है | मृत्यु कभी नही मरती |

हाँ वह सब इंसानों को मार देती हैं |इसमे कोई संदेह नही कि मृत्यु ही इस संसार मे सबसे बड़ी बलवान हैं |मृत्यु को आज तक कोई नही

लांग सका |

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2.जन्म से जो अन्धा हैं उसे दिखाई नही देता ,जो कामवासना मे अन्धा हैं उसे भी कुछ दिखाई  नही देता ,शराब अवम दुसरे नशे करने

वाले को भी कुछ दिखाई नही देता , स्वार्थी और पापी इन्सान जब अपना मतलब सिद्ध करना चाहता हैं तो उसे   इस धुन मे वह ऐसा अन्धा

होता हैं कि  किसी भी काम मे दोष नजर नही आता हैं |

 

3.जीवन तो स्वयं मे ही एक कर्म हैं और यह जीवन ही कर्म करता है |उन कर्मो के सहारे ही वह दुःख -सुख भोगता हैं |यही जिव कई योनियों

मे इस संसार मे जन्म लेता हैं और जब -जब यह जीव  पुरुषार्थ करता हैं तो संसार के बन्धनों से मुक्त हो जाता हैं |

 

4.देश मे किये पापो को राजा ,राजा के द्वारा  किये गये पापो को पुरोहित ,पत्नी  द्वारा किये गये पापो को पति ,और शिष्यों द्वारा किये गये

पापो को गुरु ही भोगता हैं |इसलिए हर इन्सान को पाप को दूर रहना चाहिए  |

 

5.लोभी  को धन से अभिमानी को हाथ जोडकर ,मुर्ख को उसकी इच्छा के अनुसार और विद्वान् को सदा सत्य बोलकर वश मे किया जा सकता हैं |

 

6.यदि कोई राजा पापी और स्वार्थी हैं तो उससे राज्य का न होना ही अच्छा हैं |इसी प्रकार धोखेबाज  और ढोंगी मित्रो से मित्र न होना ही अच्छा हैं |

बुरे और चरित्रहीन शिष्यों से तो शिष्य का न होना ही अच्छा हैं और दुराचारी नारी को पत्नी बनाने से तो अच्छा हैं ,इन्सान विवाह ही करे |

 

7.इन्सान को शेर औरबगुले से एक -एक ,मुर्गे से चार ,कौए से पांच ,कुते से छ: और गधे से तीन गुण सीखने चाहिए |इन्सान जो भी  छोटा -बड़ा

काम करना चाहता हैं ,उसे अपनी पूरी शक्ति से करे |यह शिक्षा उसे सिंह से लेनी चाहिए |विध्वान और ज्ञानी इन्सान को चाहिए कि वह अपनी

इंद्रियों को वश मे करके ,मन को एकाग्रचित करके तथा देश काल और अपने बल को अच्छी तरह जान कर बगुले के समान अपने सारे कार्य को

सिद्ध करे |यथा समय जागना ,युद्ध के लिए तैयार रहना ,बन्धुओ को उनका हिस्सा देना और आक्रमण करके भोजन करना |इन चारो बातो को

मुर्गे से सीखना चाहिए | छिपकर मैथुन  करना ध्र्ष्टता ,समय -समय पर संग्रह करना ,हर समय होशियार रहना और किसी पर विश्वास न करना |

इन पांच बातो को कौए से सीखना चाहिए |

 

8.अधिक खाने की शक्ति रखना , यधि न मिले तो थोड़े मे ही सब्र करना ,गहरी नीद मे सोना , जरा भी आहट होने पर जाग जाना ,अपने मालिक से

वफादारी और उसकी भक्ति करना ,बहादुरी से शत्रु से युद करना ,यह छ: गुण इन्सान को कुते से सीखना चाहिए |

 

9.बहुत ठक्कर भी बोझ उठाते जाना ,गर्मी -सर्दी की परवाह न करना सदा धैर्य और संतोष से जीवन व्यतीत करना |इन तीन गुणों को धैर्यवान गधे

से सीखना चाहिए | जो प्राणी इन बीस गुणों को अपने जीवन मे पल्ले बांधकर इन्हे पूर्ण रूप से धारण करेगा , वह सदा ही सफल होगा |

 

10.गाड़ी से पांच हाथ ,घोड़े से दस हाथ ,हस्ती से सौ हाथ दूर रहना चाहिए |दुर्जन से बचने के लिए यदि देश को भी छोड़ना पड़े तो इसमे

तनिक भी संकोच नही करना चाहिए |

 

 

 

 

 

 

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Top 8 in Chanakya Niti in Hindi

23 Mar , 2018  

1.पानी मे तेल और पापी आदमी से गुप्त रहस्य ,सत्पात्र को दिया गया दान ,बुद्धिमान को दिया गया शास्त्र ज्ञान ,यह सब

थोड़े होने पर भी वस्तु की शक्ति से स्वयं ही विस्तार को प्राप्त होते हैं |

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2.हे प्राणी ! तुम दुष्टों का साथ छोडकर अच्छे -भले ज्ञानी लोगो के साथ रहो |रात -दिन अच्छे -भले काम करो | यह मत भूलो

कि संसार नाशवान हैं |इसलिए ईश्वर को याद रखो |

 

3.धर्म ,धन अन्न और ज्ञान व् औषधियों का भलीभांति संग्रह करने वाले लोग बुद्धिमान  लोग होते हैं और जो लोग इनका संग्रह नही

करते वे कभी सुख से नही जी सकते |

 

4. मित्र ,स्त्री ,सेवक ,बन्धुवर —-  यह सब इन्सान को त्याग देते हैं | जब वह मनुष्य पुने: धनवान बन जाये तो वही लोग उसके पास

भागे आते हैं |ऐसा प्रतीत होता हैं कि यह धन ही तो इंसान का सबसे बड़ा दोस्त ,मित्र ,बन्धु -बांधव हैं | 

 

5.जो मुर्ख अज्ञानी  होने के कारण ऐसा समझता हैं  कि यह सुंदर नारी मुझसे प्रेम करती हैं | ऐसा आदमी उनके प्रेम जाल मे फसकर

कठपुतली की भांति नाचता रहता हैं |

 

6.वेश्याएँ बातचीत किसी से करती हैं ,किन्तु विलासपूर्वक किसी और को देखती हैं उनके मन मे भी किसी और का ही चिन्तन  होता हैं |

इसमे कोई संदेह नही कि वेश्याओ का प्यार किसी एक के साथ नही होता |वह सब को प्यारी होती हैं , परन्तु उनका असली प्यार  तो धन

से होता हैं |

 

7.जो प्राणी इस संसार  के मोहमाया जाल मे फंसे हुए हैं जो इस जाल से बाहर निकलने के लिए  न तो वेदों का पाठ करते ,न ईश्वर की

उपासना करते हैं |न ही अपने लिए स्वर्ग के द्वार खोलने के लिए धर्मरुपी  धन का संग्रह करते |न स्वप्न मे स्त्री के सुंदर स्तनों व् जंघाओं

का आलिंगन करते ,वे लोग माता के योवन रूपी व्रक्ष को काटने वाले कुल्हाड़े रूप होते हैं |

 

8.यह संसार एक विष व्रक्ष हैं |इस पर दो ही प्रकार के फल अम्रत के समान लगते हैं | पहला मधुर वचन व् दूसरा सज्जनों की संगति |

अथार्त मधुरभाषी व्यक्ति शत्रु को भी वशीभूत कर सकता हैं |और जो सज्जन पुरुषो की संगति करता हैं उसका निश्चय ही कल्याण

होता हैं |

 

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Top 10 Chanakya Niti in Hindi

19 Mar , 2018  

1.किसी प्राणी के वंश का पता उसके व्यवहार से ही लग जाता है |ऊँचे वंश के लोगो की बोल चाल मे सभ्यता मिलेगी ,किन्तु

छोटी जाति के लोग भले ही बड़े हो जाए,उनमे यह सभ्यता नही आ सकती |

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2.ब्राहाण केवल विधा के सहारे ही पण्डित कहलाता है | राजा अपनी सेना के सिर पर ही बहादुर होता  है |बनिया अपनी

कारोबारी बुधि से ही दन कमाता है |

 

3.इस संसार मे कौन सा ऐसा प्राणी है ,जिसमे कोई दोष न हो |इस दुनिया मे कौन सा मानव है ,जिसे कोई दुःख न हो | यह बात मत

भूलो कि सदा कोई सुखी और न ही सदा कोई दुखी रहता है | जीवन तो धुप छांव है |

 

4.हर वैश्या गरीब का प्यार छोड़ देती है |प्रजा कभी भी उस राजा का साथ नही देती ,जो शक्तिशाली नही | पक्षी कभी उस पेड़ पर  नही

बैठते जिस पर फल नही |

 

5.बुरे  इन्सान और सांप मे कौन अच्छा है ?इस प्रश्न का उतर यही है कि सांप तो केवल एक ही समय आने पर  ही काटता है किन्तु बुरे लोग

वे हर पल पर बुराई  करते है इसलिए बुरा इन्सान तो हर समय बुराई करके सांप से भी भयंकर हो जाता है |

 

6एकता मे ही शक्ति हैं | बिखरे हजारो तिनो को हाथी रौंद डालता हैं | वही हजारो तिनके मिलकर ढाल बन हाथी को अपने बस मे कर लेटे हैं |

 

7.सागर सदा शांत और गम्भीर रहता हैं |किन्तु प्रलह काल मे वह भी अपनी सीमा पार कर लेता  हैं |परन्तु अच्छे ज्ञान ,बुद्धिमान एवं  साधु

लोग अपनी सीमा का उल्लघंन नही करते |वे सरकार की भांति प्रलह मे भी अपनी सीमा का बन्धन नही तोड़ते |

 

8.व्यापार करना हो तो कोई देश दूर नही |आत्म विश्वास से बढकर इस संसार मे कोई दूसरी ताकत नही

 

9.अमीर आदमी के पास दोस्त बहुत होते हैं |ऐसे दोस्त केवल स्वार्थ के लिए ही बनते हैं  वे केवल अमीर दोस्त को ,पागल  बनाने के लिए

ही दोस्ती का दावा करते हैं |

 

10.पुत्र को दस वर्ष तक प्यार करे ,फिर उसके साथ कड़ाई का व्यवहार करे | सोलह  वर्ष का पुत्र होने उसके साथ मिलकर हर विषय मे

विचार विमर्श करे |उसे अपना मित्र समझकर व्यवहार करे|

 

 

 

 

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Top 10 in Chanakya Niti in Hindi

16 Mar , 2018  

1.आग ,पानी ,स्त्री ,सांप और राज परिवार |इन सबसे सदा होशियार रहना चाहिए | क्योकि  जरा सी भूल  के कारण यह प्राणों को नष्ट कर देते है |

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2.राजा ,आग ,गुरु और स्त्री |इन का सेवन मध्य अवस्था  मे करना चाहिए |क्योकि यह सब अत्यंत

निकट होने  पर भी विनाश का कारण बन जाते है |

3.हे प्राणी ! यदि तुम एक ही कर्म से इस संसार को अपने वश मे करना चाहते हो तो दुसरो की निंदा
मे लगी अपनी वाणी को रोको |अथार्त निंदा करना छोड़े |

 

4.बुरे कर्म करने के पश्चात  पश्चाताप करने वाले प्राणी को जैसे बुधि प्राप्त होती है ,यदि वैसी ही बुधि
उसे पाप करने से पहले मिल जाए तो किसका कल्याण नही होगा ?

5.जो लोग समर्थ है ,धन वाले है ,उनके लिए गलत काम भी ठीक हो जाते है | परन्तु जो लोग  निर्धन है ,छोटे है उनके लिए उचित कार्य भी गलत गिने जाते है | उदाहरन के   भी तोर पर दैत्य के लिए अम्रत भी मौत का कारण बन जाता है और शिवजी के लिए विष भी अम्रत बन जाता है |इसी विष को पीकर वे नीलकंठ के नाम से प्रसिद हो गये |

 

6.चन्दन का व्रक्ष यदि काट  भी दिया जाये  तो वह अपनी गंद नही छोड़ता ,बुढा होने पर भी हाथी अपनी कामक्रीडा को नही छोड़ता ,ईख को कोल्हू मे पेर दिया जाए तो भी वह अपनी मिठास नही  छोड़ता | इसी प्रकार जो अच्छे और उच्च वंश के लोग है ,धनहीन होने पर भी अपनी सुशीलता को
नही छोड़ते |

7.ऐसे माँ –बाप अपनी सन्तान के स्वयं शत्रु है जिन्होंने अपनी सन्तान को उतम शिक्षा नही दी | जोअपनी सन्तान का पालन –पोषण अच्छे ढंग से नही करते |क्योकि बुधिहीन या अज्ञानी लोग जब विदानोकी सभा मे जाते है तो वह ऐसे चुपचाप बैठ जाते है ,जैसे वे गूंगे हो |ऐसे लोगो को उस सभा मे देखकर

ऐसा प्रतीत होता है जैसे हंसो की सभा मे कौआ बैठा हो |

8.कुवारी कन्या और बालक भगवान का रूप माने गये है |हाथी को देखकर हजार हाथ दूर रहो |घोड़े से सौ हाथ दूर रहो ,सींग वाले पशु को देखकर दस हाथ दूर रहो | किन्तु बुरे आदमी को देखकर आप वंहासे केवल भाग ही न लो ,बल्कि उस शहर को भी छोडकर भाग जाए तो अधिक अच्छा है बुरा आदमी   सदा नुकसान ही पहुंचाता हैं |उससे भले की आशा न रखे |

 

9.हंस केवल वही पर रहते हैं ,जंहा पर उन्हें पानी मिलता हैं |सरोवर सुख जाने पर वह अपनी जगह बदल देते हैं किन्तु प्राणी को ऐसा स्वार्थी  न होना चाहिए

उसे बार -बार अपना स्थान नही बदलना चाहिए |

10.जैसे धरती खोदने से उसमे से पानी निकलता है |वैसे ही गुरु की सेवा करने से विद्या प्राप्त होती हैं |यह बात सदा याद रखे कि गुरु की सेवा के बिना

इन्सान कभी अच्छी शिक्षा  नही पा सकता |

 

Chanakya Niti,Inspirational,Motivational

Top 10 in chanakya Niti in Hindi

13 Mar , 2018  

1.बुरी आदतों वाले पुरुष ,बुरे  स्थानों  पर रहने वाले लोग इनसे जो भी मित्रता करता है वह एक न एक दिन

धोखा  खाता है | राजा लोग  खानदानी आदमी को अपने पास क्यों रखते है | इसलिए कि वह खानदानी आदमी ,

न तो राजा को मुसीबत  मे डालता है | न  कभी धोखा देता है , न ही वह राजा के पास  इतना धन देखकर  ईर्ष्या

करता है

Chanakya niti

2.मुर्ख प्राणी   और पशु दोनों एक समान होते  है | इन दोनों मे अन्तर केवल इतना है  कि वह पशु के पावं चार और

प्राणी के पावं दो होते है |मुर्ख प्राणी के अन्दर कांटे भरे होते है | जो दिखाई नही देते , किन्तु उसकी कडवी बोली  काँटों

से भी अधिक  तेज लगती है  |

 

3.काली कुरूप कोयल  की सुन्दरता उसका स्वर है | पुरुष की सुन्दरता उसकी विध्या  है  बुरी औरत  की सुन्दरता

क्षमा  है  इसी तरह औरत की सुन्दरता उसका पतिव्रता धर्म होता है

 

4.हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती  है |पूजा करने से पाप  मिट जाते है |छुप रहने से झगड़ा  मिट जाता है |

 

5.एक अच्छा  फूलदार व्रक्ष सारे वन की शोभा बढ़ा देता है  इसी प्रकार एक अच्छा बेटा सारे वंश की शोभा  बढ़ा देता है

सो  मुर्ख बेटो से एक बुद्धिमान बीटा अच्छा होता है |केवल एक वर्ष मे आग लगने से पुरे जंगल मे आग लग जाती है |

एक का ही बड़ा महत्व होता है |एक चाँद सारे संसार को प्रकाश देता है | अनेक से एक भला यदि वह सपूत हो  |

 

6.लक्ष्मी का वस् कहाँ  होता है  ? जहाँ पर मुर्ख की पूजा नही होती है |जहाँ अनाज के भंडार सदा भरे रहते  हो | पति –

पत्नी  मे झगड़ा न होता हो  बस इन स्थानों पर ही लक्ष्मी निवास  करती है |

 

7.हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ अवश्य होता है |बिना स्वार्थ दोस्ती ही नही हो सकती |यह एक कटु सत्य है |

दू:ख के समय ही दोस्ती की पहचान होती है | सुख के तो सारे साथी है |परन्तु जब इन्सान का बुरा वक्त  आता है  |उसी

समय सच्चे दोस्त की पहचान होती है |

 

8.असली दोस्त वही है जो दोस्त के काम आए | सच्चे दोस्त को भाई के समान माना गया है |यही कर्ण है कि दोस्ती  ही

इन्सान के काम आती है |

 

9.शक्तिशाली शत्रु ,कमजोर मित्र  सदा नुकसान देते है | क्युकी कमजोर मित्र  कभी भी  विश्वास घात कर सकता है |

परन्तु शत्रु  से आदमी  स्वंय होशियार रहता है |

 

10. पत्नी जैसी भी हो ,धन जितना भी हो , भोजन जैसा भी हो , यह सब  यधि समय पर मिल जाए तो सबसे अच्छा है |

यह सब पा लेने के पश्यात  उसे यह नही भूलना चाहिए  कि उसका एक और कर्तव्य भी है  विध्या प्राप्त करना |