Chanakya Niti

Top 11 Chanakya Niti in Hindi

7 Mar , 2018  

1.परिश्रम करने से  इंसान की गरीबी दूर हो जाती हैं पूजा करने से पाप दूर हो जाते हैं ,जागते आदमी को डर नही लगता ,

यदि दो प्राणी झगड़ पड़े तो उन मे से एक प्राणी खामोश हो जाये तो झगड़ा मिट जाता हैं |जिस जगह झगड़ा हो रहा हो ,

वह पर कभी भी नही खड़ा होना चाहिए , कई बार ऐसे झगड़ो मे  बेगुनाह मारे जाते हैं  |यदि भयंकर अकाल पड़ जाये जो

तो ऐसे अवसर पर किसी बदमाश से मित्रता  करने मे लाभ होता हैं  |क्योकि बदमाश अपनी ताकत के बल  बूते  कही न

कही से खाना ले आयेगा  |इस खाने को वह  अपने मित्र को भी अवश्य  ही खिलायेगा  |

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2.पुत्र ,मित्र  और परिवार के अन्य लोग  अक्सर अपने से दूर हो जाते हैं  अच्छे लोगो के साथ रहने मे ही लाभ  हैं | पुत्र

वंश का नाम रोशन करते हैं  | हर प्राणी को पहले से ही सोचना चाहिए  कि वह कोंन सा पाप कर रहा हैं |

 

3.मित्रता उस स्थान के लोगो से की  जाये  झा पर डर, शर्म,चतुरता ,त्याग जैसी आदते अवश्य हो , अन्यथा उस देश

अथवा उन लोगो के पास  रहना भी उचित नही होता |

 

4.यदि जहर मे अम्रत मिला हो तो हंसी ख़ुशी पी लेना चाहिए |सोना यदि गन्दे जगह   पर पड़ा  हो तो  उसे उठा लेना चाहिए |

शिक्षा यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने मे संकोच नही करना चाहिए  |यदि दुष्ट वंश मे बुद्धिमान कन्या हो तो उसस

शादी कर लेनी  चाहिए  |गुण ही सबसे बड़ी विशेषता हैं  |

 

5.जिस देश मे आदर नही ,जीने के साधन नही, विध्या प्राप्त करने के स्थान नही |वहाँ पर रहने का  कोई लाभ नही  क्योकि

वह पर उन्नति नही कर सकता

 

6.जहाँ पर अमीर लोग , वेदों के पथ करने वाले पण्डित  दयालु राजा न हो , बीमार होने पर  दवा -दारू  का प्रबन्ध न हो ,

वहाँ पर रहना बेकार हैं |

 

7.यदि धन का नाश हो जाये , मन की शान्ति भंग हो जाये  ओरत चरित्रहीन होने का संदेह  आग लगा रहा हो ,इन सब बातो को

बुद्धिमान लोग दुसरो को नही बताते | जो व्यक्ति ऐसा करने की भूल करते हैं  उनका लोग मजाक उडायेगे |

 

 

8.यदि इस संसार मको चलाने वाला  ईश्वर  हैं |तो मुझे अपने जीवन की कोई चिंता नही  | हाँ यदि  ऐसा विश्वास हो  तो

फिर नवजात शिशु  के लिए माँ  के  स्तनों  का  दूध  कहाँ से आता हैं | यह सब  कुछ  आपका हैं  |आप के होते हुए मुझे  किसी

चीज की चिंता नही  |बस आप ही  मुझ पर क्रपा  करो  | मुझे इस संसार की हर बुराई से दूर रखो | प्राणी को यह चार गुण जन्म

से ही उपहार के रूप में मिलते है | दान देने की शक्ति , मीठे बोल ,धैर्य, धैर्य  ज्ञान , यह परीगुन प्राणी को  अपने संस्कारो  के  साथ

मिलते हैं | यह गुण मनुष्य के किसी के कहने  से नही मिलते ,खरीदे नही जाते | यह तो सब ईश्वर की  देन हैं |

 

9.जो प्राणी दान नही देता .भगवान की पूजा नही करता  |साधू  संतो का सामान नही करता , तीर्थ यात्रा नही करता ,ऐसे लोगो को

तो एक शव के बराबर  ही समझ लेना चाहिए |

 

10.उल्लू दिन मे नही दिखता , इसमे भला सूर्य  का क्या दोष हैं  ? कदीन के पेड़ पर पते नही आते  न फूल  खिलते हैं  |इसमे

बसन्त ऋतू का क्या दोष  हैं  ?

 

11.पागलो ने पत्थर के टुकडो को  रत्न मन लिया हैं   असली रत्न तो केवल  अनाज ;पानी  और ज्ञान  ही होते हैं  |इन तीनो रत्नों से बड़ा

और कोई  नही हो सकता |

 

 

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