1.परिश्रम करने से इंसान की गरीबी दूर हो जाती हैं पूजा करने से पाप दूर हो जाते हैं ,जागते आदमी को डर नही लगता ,
यदि दो प्राणी झगड़ पड़े तो उन मे से एक प्राणी खामोश हो जाये तो झगड़ा मिट जाता हैं |जिस जगह झगड़ा हो रहा हो ,
वह पर कभी भी नही खड़ा होना चाहिए , कई बार ऐसे झगड़ो मे बेगुनाह मारे जाते हैं |यदि भयंकर अकाल पड़ जाये जो
तो ऐसे अवसर पर किसी बदमाश से मित्रता करने मे लाभ होता हैं |क्योकि बदमाश अपनी ताकत के बल बूते कही न
कही से खाना ले आयेगा |इस खाने को वह अपने मित्र को भी अवश्य ही खिलायेगा |
2.पुत्र ,मित्र और परिवार के अन्य लोग अक्सर अपने से दूर हो जाते हैं अच्छे लोगो के साथ रहने मे ही लाभ हैं | पुत्र
वंश का नाम रोशन करते हैं | हर प्राणी को पहले से ही सोचना चाहिए कि वह कोंन सा पाप कर रहा हैं |
3.मित्रता उस स्थान के लोगो से की जाये झा पर डर, शर्म,चतुरता ,त्याग जैसी आदते अवश्य हो , अन्यथा उस देश
अथवा उन लोगो के पास रहना भी उचित नही होता |
4.यदि जहर मे अम्रत मिला हो तो हंसी ख़ुशी पी लेना चाहिए |सोना यदि गन्दे जगह पर पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए |
शिक्षा यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने मे संकोच नही करना चाहिए |यदि दुष्ट वंश मे बुद्धिमान कन्या हो तो उसस
शादी कर लेनी चाहिए |गुण ही सबसे बड़ी विशेषता हैं |
5.जिस देश मे आदर नही ,जीने के साधन नही, विध्या प्राप्त करने के स्थान नही |वहाँ पर रहने का कोई लाभ नही क्योकि
वह पर उन्नति नही कर सकता
6.जहाँ पर अमीर लोग , वेदों के पथ करने वाले पण्डित दयालु राजा न हो , बीमार होने पर दवा -दारू का प्रबन्ध न हो ,
वहाँ पर रहना बेकार हैं |
7.यदि धन का नाश हो जाये , मन की शान्ति भंग हो जाये ओरत चरित्रहीन होने का संदेह आग लगा रहा हो ,इन सब बातो को
बुद्धिमान लोग दुसरो को नही बताते | जो व्यक्ति ऐसा करने की भूल करते हैं उनका लोग मजाक उडायेगे |
8.यदि इस संसार मको चलाने वाला ईश्वर हैं |तो मुझे अपने जीवन की कोई चिंता नही | हाँ यदि ऐसा विश्वास हो तो
फिर नवजात शिशु के लिए माँ के स्तनों का दूध कहाँ से आता हैं | यह सब कुछ आपका हैं |आप के होते हुए मुझे किसी
चीज की चिंता नही |बस आप ही मुझ पर क्रपा करो | मुझे इस संसार की हर बुराई से दूर रखो | प्राणी को यह चार गुण जन्म
से ही उपहार के रूप में मिलते है | दान देने की शक्ति , मीठे बोल ,धैर्य, धैर्य ज्ञान , यह परीगुन प्राणी को अपने संस्कारो के साथ
मिलते हैं | यह गुण मनुष्य के किसी के कहने से नही मिलते ,खरीदे नही जाते | यह तो सब ईश्वर की देन हैं |
9.जो प्राणी दान नही देता .भगवान की पूजा नही करता |साधू संतो का सामान नही करता , तीर्थ यात्रा नही करता ,ऐसे लोगो को
तो एक शव के बराबर ही समझ लेना चाहिए |
10.उल्लू दिन मे नही दिखता , इसमे भला सूर्य का क्या दोष हैं ? कदीन के पेड़ पर पते नही आते न फूल खिलते हैं |इसमे
बसन्त ऋतू का क्या दोष हैं ?
11.पागलो ने पत्थर के टुकडो को रत्न मन लिया हैं असली रत्न तो केवल अनाज ;पानी और ज्ञान ही होते हैं |इन तीनो रत्नों से बड़ा
और कोई नही हो सकता |
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