Chanakya Niti

Top 10 Motivational Thought of Chanakya Niti

4 Sep , 2019  

1. यमराज को भी कभी किसी के दुख से कोई मतलब नहीं होता है। उनका काम केवल लोगों के प्राण निकालना है और वह लोगों के प्राण निकाल कर चले जाते हैं। उसके घरवाले किस तकलीफ में हैं, किस स्थिति में है इससे यमराज को कोई मतलब नही होता। यम अगर पीड़ा को समझेंगे तो किसी की मृत्यु ही नहीं होगी।

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2. जिसके हृदय में पाप घर कर चुका है, वह सैकडों बार तीर्थस्नान करके भी शुध्द नहीं हो सकता। ठीक उसी तरह जैसे कि मदिरा का पात्र अग्नि में झुलसने पर भी पवित्र नहीं होता

 

3. एक बेकार राज्य का राजा होने से यह बेहतर है कि व्यक्ति किसी राज्य का राजा ना हो। एक पापी का मित्र होने से बेहतर है की बिना मित्र का हो। एक मुर्ख का गुरु होने से बेहतर है कि बिना शिष्य वाला हो। एक बुरी पत्नी होने से बेहतर है कि बिना पत्नी वाला हो।

 

4. हमें ध्यान रखना चाहिए कि चाहे अनचाहे ही सही पर हमारे पैर कभी भी सात चीजों पर नहीं पड़ने चाहिए। अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गौ, कुमारी कन्या, वृद्ध और बालक पर अचानक पैर लगना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा होने पर हमें माफी मांगनी चाहिए।

 

5. ये आठ लोग कभी किसी का दुःख नहीं समझ सकते हैं।

1. राजा 2. वेश्या 3. यमराज 4. अग्नि 5. चोर 6. छोटा बच्चा 7. भिखारी 8. कर वसूल करने वाला व्यक्ति।

 

6. सोना प्रकृति और मानवीय स्वभाव का अभिन्न अंग है। हर किसी को नींद आती है, लेकिन आचार्य चाणक्य नींद से ज्यादा प्रधानता कर्म को देते थे। उनका मानना था कि अगर आपका द्वारपाल, नौकर, राहगीर, भूखा व्यक्ति, भंडारी और विद्यार्थी सो रहे हैं तो उन्हें नींद से जगा देना चाहिए क्योंकि उनका कर्म कुछ और है और वो अक्सर कुछ और करने में तल्लीन रहते हैं।

 

7. किसी व्यक्ति के लिए पराए घर में या गुलाम बनकर रहना बड़ी दुर्भाग्य की बात है। जहां पर वह अपनी इच्छानुसार कोई भी काम नहीं कर सकता है। उसकी कुछ भी करने की आजादी नहीं है। जो कि उसके जीवन के लिए बहुत बड़ा संकट है।

 

8. ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है, ऐसा करने वाले तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है।

 

9. रूप और यौवन से सम्पन्न तथा कुलीन परिवार में जन्म लेने पर भी विद्या हीन पुरुष पलाश के फूल के समान है जो सुन्दर तो है लेकिन खुशबु रहित है।

 

10.सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे यह काम नहीं करते।