चाणक्य कहते है
साम, दाम, दण्ड, भेद
साम :- अपने शत्रु को समझायो
दाम :- अपने शत्रु को लालच दो
दण्ड:- अपने शत्रु को अपना डर दिखाओ,
भेद:- अपने शत्रु में फूट डालो,
चाणक्य कहते है साम, दाम, दण्ड, भेद इन चारो का परिस्तिथि अनुसार उपयोग करो.! लेकिन विजय आपकी ही होनी चाहिए.!
Niti, Vichar