‘पंडित’ विष्णुगुप्त चाणक्य आज पूरे विश्व में चाणक्य पंडित के नाम से प्रसिद्ध है |उसकी प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण उसकी यह रचना है | जिसे ‘चाणक्य नीति’ के नाम से संस्कृत साहित्य से रूपांतरित करके पाठको के लिये प्रस्तुत किया जा रहा है | More…
शिक्षा की विशेषता
विद्वान् की हर स्थान पर पूजा होती है | शिक्षक कोई भी हो उसका हर स्थान पर सम्मान होता है | More…
सुख का मूल धर्म है | राजनीति एवं अपने कार्यो का ज्ञान होना ही राजा का सबसे बड़ा धर्म होता है | इसी धर्म से देश में सुख और शांति रह सकती है | इसलिए धर्म को ही सुख की मूल जड़ और धर्म कहा गया है |
जैसे खुशबू से भरे फूलो वाला एक ही वृक्ष सारे वन में खुशबू फैला देता है , वैसे ही वंश में पैदा होने वाला एक गुणी बेटा सारे वंश का नाम रोशन कर देता है
” यह कोन है ? काला कलूटा भूत जैसा कुरूप ! जिसकी शकल देखने से ही मन ख़राब होता है |
कैसे आया यह हमारे राज दरबार मर ? कैसे बैठ गया यह मनहूस हमारे सामने ?” More…