Chanakya Niti,Inspirational,Motivational,story,Vichar
मित्र कौन ?
जो मुसीबत के समय भी प्यार करे वहीं सच्चा मित्र होता है | सुख में तो सब मित्र बन जाते है जो लोग दुःख और सुख में बराबर प्रेम रखते है है , जो दुःख में काम न आ सके वह कैसा मित्र ?
मित्र संग्रह
जो लोग मित्र संग्रह करते है , उन्हें शक्ति मिलती है , साथी मिलते है हाँ , मित्र बनाते समय स्वार्थी लोगो से दूर रहे | सच्चे मित्र बनाने से राजा की ताकत बढती है | राजा की ताकत बढने से देश की ताकत बढती है |
कर्तव्य
जो राजा अपने कर्तव्य को समझ जाता है , वही अपनी इन्द्रियों को वश में रख सता है | जो इन्द्रियों को वश में कर ले , वहीं महाज्ञानी है|
धर्म
मानवता से बड़ा धर्म इस संसार में कोई नही |
राज्य शासन
जिस प्रकार एक पहिये से रथ नही चल सकता ,उसी प्रकार कभी अकेला राजा शासन नही चला सकता | उसे अपने लिए मंत्रियो और सहायको की भी आवश्यकता हैं राजा और मंत्री शासन के दो पहिये होते हैं|
सम्पन्न
जो राजा सम्पन्न हो, उसकी प्रजा भी सम्पन्न हो जाती हैं | राजा की व्यवस्था यदि सुन्दर हो तो सारे देश को सम्पन्नता प्राप्त हो जाती हैं जब देश को सम्पन्न होगा तो प्रजा भी सम्पन्न होगी |
गुण
सुन्दरता की शोभा केवल गुणों से होती है यदि किसी प्राणी में गुण नही है तो वह बिल्कुल ही बेकार होता है | उसका यही हाल होता है जो बंजर धरती का होता है | More…
आकाश पर न तो कोई दूत जा सकता है | न ही वहां पर सीधी बातचीत की जा सकती है | किन्तु विद्वानों ने हजारो मील की ऊंचाई पर से बसे इस आकाश के चाँद सितारों का साथ हिसाब लगा लिया | More…
जैसे मुह वैसा थप्पड़
हाथी को अंकुश से , घोड़े को चाबुक से , सींग वाले पशु को डंडे से , दुर्जन को तलवार से दंड देना चाहिए | प्रत्येक के साथ उनके व्यवहार के हिसाब से व्यवहार करना चाहिए| More…