1. दुनिया में बाँधने के ऐसे अनेक तरीके है जिससे व्यक्ति को प्रभाव में लाया जा सकता है और नियंत्रित किया जा सकता है. सबसे मजबूत बंधन प्रेम का है. इसका उदाहरण वह मधु मक्खी है जो लकड़ी को छेद सकती है लेकिन फूल की पंखुडियो को छेदना पसंद नहीं करती चाहे उसकी जान चली जाए।
2. जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह जरुरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता।
3. एक बुरे मित्र पर तो कभी विश्वास ना करे। एक अच्छे मित्र पर भी विश्वास ना करें। क्यूंकि यदि ऐसे लोग आपसे रुष्ट होते है तो आप के सभी राज से पर्दा खोल देंगे।
4. जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में, ज्ञान अर्जन करने में, खाने में और काम-धंदा करने में शर्माता नहीं है वो सुखी हो जाता है।
5.ब्राह्मण अच्छे भोजन से तृप्त होते है. मोर मेघ गर्जना से. साधू दुसरो की सम्पन्नता देखकर और दुष्ट दुसरो की विपदा देखकर।
6. बसंत ऋतू क्या करेगी यदि बास पर पत्ते नहीं आते. सूर्य का क्या दोष यदि उल्लू दिन में देख नहीं सकता. बादलो का क्या दोष यदि बारिश की बूंदे चातक पक्षी की चोच में नहीं गिरती. उसे कोई कैसे बदल सकता है जो किसी के मूल में है।
7. वह घर जहा ब्राह्मणों के चरण कमल को धोया नहीं जाता, जहा वैदिक मंत्रो का जोर से उच्चारण नहीं होता. और जहा भगवान् को और पितरो को भोग नहीं लगाया जाता वह घर एक स्मशान है।
8.वह लोग धन्य है, ऊँचे उठे हुए है जिन्होंने संसार समुद्र को पार करते हुए एक सच्चे ब्राह्मण की शरण ली. उनकी शरणागति ने नौका का काम किया. वे ऐसे मुसाफिरों की तरह नहीं है जो ऐसे सामान्य जहाज पर सवार है जिसके डूबने का खतरा है।
9. ऐसे अनेक पुत्र किस काम के जो दुःख और निराशा पैदा करे. इससे तो वह एक ही पुत्र अच्छा है जो समपूणर घर को सहारा और शांति प्रदान करे।
10. जो लोग मूर्ख होते हैं वो ज्ञानी व्यक्तियों को अपना शत्रु मानते हैं। यदि कोई ज्ञानी व्यक्ति मूर्ख व्यक्ति के सामने कोई उपदेश देता है तो वो उसे अपना सबसे बड़ा शत्रु मानतें हैं। ज्ञानी की बातें मूर्ख कभी नहीं मानता क्योकि मूर्ख का स्वभाव होता है उसे ज्ञान से दूर रखने का।
11. स्त्रियां अपने सौंदर्य और यौवन से सभी काम आसानी से करा पाने में पारंगत होती हैं। ऐसा चाणक्य कहा करते थे। चाणक्य का कहना था कि अगर कोई भी स्त्री सुंदर न होने के बावजूद अगर मधुर वाणी बोलती है उसका स्वभाव मधुर है तो भी वो अपनी सारी परेशानियों का हल निकाल लेती है। क्योंकि मधुर व्यवहार हर स्त्री को मान सम्मान दिला सकता है।
12. महिलाएं एक झूठ को छिपाने के लिए 100 झूठ तक बोलने से सकोंच नहीं करती हैं, लेकिन जब सच सामने आता है तो उन्हें काफी जलालत का सामना करना पड़ता है। महिलाएं इस बीमारी की चपेट में कभी न कभी आ ही जाती हैं। आचार्य चाणक्य का कहना था कि महिलाओं का यह स्वाभाविक गुण कभी कभार उनका इतना अहित करवा देता है कि उनको इसका अंदाजा भी नहीं लग पाता।