आकाश पर न तो कोई दूत जा सकता है | न ही वहां पर सीधी बातचीत की जा सकती है | किन्तु विद्वानों ने हजारो मील की ऊंचाई पर से बसे इस आकाश के चाँद सितारों का साथ हिसाब लगा लिया | उन्हें आप विद्या और बुद्धि की शक्ति ही कहेंगे|
क्या करना उचित है
विद्यार्थी, नोकर, भूखे आदमी, खजांची, चोंकीदार, बुद्धिमान , यदि वह लोग सो रहे हो इन्हें जगा देना उचित होता है | क्यों ?
विद्यार्थी अगर सोया रहेगा , तो उसकी पढाई नही होगी नोकर सोएगा तो मालिक उसे काम से निकल देगा | भूखा यदि सोया रहेगा तो रोटी की तलाश कौन करेगा ?
खजांची सोये तो खजाने की रक्षा कौन करेगा ? विद्वान् सोएगा तो उसका कार्य कौन करेगा ?