- परिश्रम वह चाबी है,जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है |
- वो जिसका ज्ञान बस किताबों तक सीमित है और जिसका धन दूसरों के कब्ज़े मैं है, वो ज़रुरत पड़ने पर ना अपना ज्ञान प्रयोग कर सकता है ना धन.
- सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठिनाई में , मित्र को संकट में , और पत्नी को घोर विपत्ति में|
- कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी|
- अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक सामान उपयोगी है |
- ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ|