Vichar

Chanakya Sutr

11 Apr , 2016  

 

Chanakya Niti

  •     सुख का मूल धर्म

                         सुख का मूल धर्म है | राजनीति एवं अपने कार्यो का ज्ञान होना ही राजा का सबसे बड़ा धर्म होता है | इसी धर्म से देश में सुख  और शांति रह सकती है | इसलिए धर्म को ही सुख की  मूल जड़  और धर्म कहा गया है |

  •  धर्म का मूल अर्थ

                           धर्म का मूल अर्थ है | देश में जब धर्म बना रहे |यह धर्म तभी बना रहेगा  जब देश की आर्थिक स्थिति ठीक होगी | यदि देश में राजनीति को  ठीक ढंग से चलाना है तो देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना  होगा | जिस देश  की अर्थव्यवस्था ठीक नही , उसका धर्म भी सुरक्षित नही |

  •   अर्थ का मूल रूप

                              अर्थ का मूल राज्य है | राज्यों में स्थिरता बनी रहे | हर राज्य में शांति का वातावरण हो  |ऐसा ही देश  अर्थव्यवस्था में सुद्धढ होता है |