सुख का मूल धर्म है | राजनीति एवं अपने कार्यो का ज्ञान होना ही राजा का सबसे बड़ा धर्म होता है | इसी धर्म से देश में सुख और शांति रह सकती है | इसलिए धर्म को ही सुख की मूल जड़ और धर्म कहा गया है |
धर्म का मूल अर्थ है | देश में जब धर्म बना रहे |यह धर्म तभी बना रहेगा जब देश की आर्थिक स्थिति ठीक होगी | यदि देश में राजनीति को ठीक ढंग से चलाना है तो देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करना होगा | जिस देश की अर्थव्यवस्था ठीक नही , उसका धर्म भी सुरक्षित नही |
अर्थ का मूल राज्य है | राज्यों में स्थिरता बनी रहे | हर राज्य में शांति का वातावरण हो |ऐसा ही देश अर्थव्यवस्था में सुद्धढ होता है |