Chanakya Niti,Inspirational,Motivational
अस्थाई
1. पुरुष आदि काल से ही चंचल है |इस संसार मे भगवान को छोड़ कर हर चीज अस्थाई है |क्क्ष्मी तो रमणी है |सदा नृत्य करती है |यह धन
रिश्ते नाते ,घर द्वार सब अस्थाई है |इनमे से कोई किसी का साथ नही देता | साथ क्या देता है |केवल धर्म ही अटल सत्य है |यह ज्ञान का
भण्डार है |ज्ञान अस्थाई है |यह कभी प्राणी का साथ नही छोड़ता |मनुष्य की सुनने की शक्ति सबसे महान होती है | यह सुनकर ही ज्ञान पाता है |
यह सुनकर ही मोक्ष प्राप्त करता है |इस तरह के प्राणी हर अच्छी चीज केवल सुनकर ही ग्रहण करता है |,अच्छा -बुरा दोनों ही को प्राणी सुनता है
किन्तु बुराई से दूर रहते हुए | उसे केवल अच्छाई और ज्ञान की बोली को सुनना चाहिय |
कर्म
2.प्राणी जेसा काम करता है |वैसा ही उसे फल मिलता है | इन कर्मो के ही तो प्राणी इस संसार के माया जाल मे फंसा रहता है |अच्छे -बुरे काम |
और जब मोत आती है यह सब कुछ यही पर रह जाता है |कुछ भी तो प्राणी के साथ नही जाता |यदि पुरुष के साथ जाता है तो केवल उसके कर्म |
इस संसार मे केवल कर्म ही प्रधान है |कर्म फल ही प्राणी को मिलता है | जब प्राणी इस बात को अच्छी तरह जानता है कि मरने के बाद उसे
अपने कर्मो का फल मिलेगा तो फिर अच्छे कर्म क्यों नही करता है |