ज्ञान
1.शेर से एक बगुले से कोए से पांच ,कुते से च: और बाघ से तीन गुण सीखने चाहिए |काम भले ही थोडा करो ,किन्तु मन लगाकर करना चाहिए |
इंसान को यह शेर से सीखना चाहिए | मित्रो की इन्द्रियो का संयम करना ,समय के अनुसार अपनी शक्ति से काम करने का गुण बगुले से सीखना चाहिए |
ठीक समय से जागना, सोना ,लड़ना ,बन्धुओ को जगा देना ,झपटकर भोजन खाना ,यह गुण मुर्गे से सीखना चाहिए |संकोच से मैथुन करना ,
समय -समय पर संग्रह करना ,चौकस रहना , पर विश्वास न करना ,यह पांचो गुण कौए से सीखने चाहिए | बुहत भूख मे भी संतुष्ट रहना ,गहरी नीद मे
सोते हुए भी जाग जाना ,मालिक वफादारी और बहादुरी ,यह सब गुण कुते से सीखने चाहिए | बुहत थक जाने पर भी बोझ ढोते रहना ,रुखी -सुखी घास
चर कर ही मालिक और भगवान का धन्यवाद करना ,यह सब गुण गधे से सीखने चाहिए | उपर वाले गुण सीखने वाले प्राणी सदा सुख पाता है |
पूजा
2.कोई भी काम आरम्भ करने के पश्यात उससे घबराना नही चाहिए ,न ही उसे बीच मे छोड़ना चाहिए |काम तो मानव की सबसे बड़ी पूजा का नाम है |
जो प्राणी मन से अपना काम करते है , वे सदा सुखी रहते है |
3. अमीर आदमी के पास दोस्त बुहत होते है |ऐसे दोस्त केवल अपने स्वार्थ के लिए ही बनते है वे केवल अमीर दोस्त ,को पागल बनाने के लिए ही दोस्ती का दावा करते है