Chanakya Niti,Inspirational

Top10 Chanaky Niti in Hindi

9 Jun , 2018  

1.पहले  क्या किसी ने सोने का म्रग  देखा था  ? कभी नही , फिर सीता जी देखा था , राम जी देखा था , राम जी ने उसी हिरन

का पीछा किया ,इसके फलस्वरूप  सीता -हरण भी हुआ  ऐसा इसलिए हुआ कि विनाश काल आना था ,तभी तो  हर काल का

उल्टा  होता चला गया  इसलिए कहा गया है  विनाश के दिन आते है  तो बुधि नष्ट हो जाती हैं | शक्ति जिसमे नही , वह साधु

बन जाता हैं |जिसके पास धन न हो , वह ब्रह्मचारी बनता हैं | बूढी औरत  सबसे से  अधिक पतिव्रता बनती हैं | यह सबके सब

ढोंगी  होते हैं  जैसे कि कभी ताकतवर साधु नही बनता , धनवान ब्रह्मचारी नही बनता ,सेहतमंद  आदमी भक्ति नही करता ,

सुंदर नारी पतिव्रता  धर्म के गुण कं ही गति हैं  |

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2.राजा, वैश्या , यमराज ,आग, चोर , बालक ,याचक ,झगड़ा  करने वाला ,यह आठो ऐसे हैं  जिनके लिए दुसरो का दुःख -सुख

का कारण  बनता हैं  | कांचली मे सांप  रहते हैं , कीचड़ मे कमल के फूल खिलते  हैं , इसलिए प्राणी अपने ही  गुणों से ऊँचा उठ

सकता  हैं  |

 

3.घटिया  लोग  सदा  धन  के लाभ मे अंधे  रहते हैं | मध्य वर्ग के लोग  धन के साथ -साथ  अपनी इज्जत भी चाहते हैं  |उतम

लोगो को केवल  आदर सत्कार की भूख होती हैं  | यह बात न भूले  किधन से कहाँ  अधिक इज्जत  होती हैं |

 

4.हाथी को  अकुंश से , घोड़े को चाबुक से ,सींग वाले पशु को डंडे से ,दुर्जन को तलवार  से दंड देना चाहिए | प्रत्येक के साथ  उनके

व्यवहार के हिसाब  व्यवहार करना चाहिए |

 

5.विधार्थी  ,नोकर , भूखा आदमी ,खजांची ,चोकीदार ,बुद्धिमान ,यदि वह लोग सो रहे हो तो  इंन्हे जगा देना उचित होता हैं | क्यों ?

विधार्थी  अगर सोया रहेगा , तो उसकी पढाई नही होगी  नोकर सोयेगा तो मालिक उसे  काम से निकल देगा  |भूखा यदि सोया रहेगा

तो रोटी की तलाश कौन  करेगा ?  खजांची सोये तो खजाने की रक्षा कौन  करेगा ?  विद्वान  सोएगा तो उसका काम कौन  करेगा  ?

 

6.जिन लोगो के क्रोध सहने पर डर पैदा होता हैं  |जिसके खुश होने पर धन नही मिलता  | जो न तो कोई सजा दे सकता हैं  |न ही

किसी भलाई कर  सकता हैं |  ऐसे लोगो को चिकना घडा कहा जाता हैं  |

 

7.जीवन मे कुछ कष्ट अधिक  ही दु:खदायक  होते हैं | इन कष्टों के कारण  शरीर बिना  आग  के जल जाता हैं  जैसा कि पत्नी

का वियोग ,अपनों द्वारा  किया अपमान ,बचे हुए कर्ज का न दे पाना , दुष्ट राज की सेवा  , दुष्टों का संग | यह सब  चीजे दु:खदाई

होती  हैं  |

 

8.नदी किनारे पेड़  |दुसरो के घर  रहने  वाली अपनी पत्नी  | बिना मंत्री का राजा | यह हर साल मे नष्ट हो जाते हैं |  नदी के

किनारे का पेड़  नदी के कटाव के कारण  गिर जाता हैं  पत्नी अलग रहने के कारण  अच्छा सलाह न पाने के कारण,राजा  जब

राज न चला सके  तो प्रजा  विद्रोह  कर देती हैं  |

 

9.हर काम सीमा के अन्दर रहकर करना चाहिए | सीमा से बाहर किया हुआ हर काम नुकसान देता हैं  | बहुत सुन्दर होने के कारण

सीता जी का अपहरण हुआ | सीमा से भी अधिक गर्व करने के कारण  रावण मारा गया | सीमा से बाहर आकर दान

से राजा बलि को बन्धन मे बंधना पड़ा |

 

10.असली दोस्त वही हैं  जो दोस्त के काम आये  सच्चे दोस्त को  भाई के समान  माना  गया हैं | यही कारण हैं  कि दोस्ती ही

इंसान के काम आती हैं  |

 

 

 

 

 

 

 

 

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Top 10 IN Chanakya Niti For Nari

7 Jun , 2018  

.1.वह  नारी उतम मानी जाती हैं  जो पवित्र हो ,चालाक हो ,चालाक को पतिव्रता हो | जो अपने पति से प्रेम करती हो ,सत्य बोलती हो ,

ऐस गुणों वाली औरत जिस घर मे होगी वह घर सदा सुख के झूलो मे झूलेगा |उस घर मे खुशियाँ  ही खुशियाँ होगी |उसी घर को  भाग्यशाली

घर कहा जा सकता हैं |

2. इस संसार का हर प्राणी औरत को पालने की आशा करता  हैं |यहाँ तक की बड़े -बड़े विद्वान् ,महापंडित ,ज्ञानी ,देवता ,आखिर यह सब

क्यों होता हैं |यह आपने कभी सोचा |

3.इस  संसार की सबसे बड़ी शक्ति कोंन- सी हैं ? क्या आप कल्पना कर सकते हैं | कि इस संसार को जीत लेने वाला पुरुष  उस शक्ति

के आगे ऐसे पिंघल जाता हैं  जैसे आग के सामने मोम |वह शक्ति -नारी की जवानी और सुन्दरता |

4.अत्यंत सुंदर औरत का शरीर क्या हैं ? मांस , हाड़ और उसके  यौवनांग |पुरुष इसी मे खो जाना चाहता हैं | किन्तु सत्य  यह हैं |

कि यही सबसे बड़ा नर्क हैं | आप इससे जितना भी बच कर रहेगे ,उतना ही लाभ होगा |

5.औरत कितनी  भी बड़ी हो जाये ,किन्तु वह अपने को सदा सुंदर और जवान ही समझती रहती हैं |उसकी यही इच्छा होती हैं |

कि वह सदा जवान ही रहे तांकि पुरुष उसके पीछे -पीछे घूमता रहे |

6.औरत के चेहरे की सुन्दरता और उसके शरीर की बनावट पर पुरुष मरता हैं |यही कारण हैं कि वह एक औरत के साथ रहते 

हुए भी किसी दूसरी औरत को बुरी नजरो से देखता हैं |

7.मासिक धर्म के पश्चात नारी कुवांरी लडकी जैसी ही पवित्र हो  जाती हैं | पुरुष को यह सलाह दी जाती हैं कि भूलकर भी  मासिक धर्म

के दिनों मे औरत से सम्भोग न करे |

8.इस दुनिया मे अधिकतर ,युद्ध,दुर्घटनाए ,केवल नारी के कारण  ही हुई हैं |इसीलिए बुदिजीवी को यही सलाह दी जाती हैं कि ये औरत

के इस माया जाल से दूर रहे |

9.जो नारी सुबह के समय अपने पति की सेवा ,माँ के समान करती हैं और दिन मे बहन के समान प्यार देती  हैं |और रात मे वेश्या की

भांति ,उसे अपने शरीर का आनन्द दे उसे ही सत्य से अच्छी और गुणवान पत्नी माना जाता हैं |

10.परिवार के झगड़ो के पीछे अधिकतर हाथ नारी का ही होता हैं |इसलिए बुद्धिमान पुरुषो को यह सोच लेना  चाहिए कि केवल औरत  के पीछे

लड़ने  झगड़ने का कोई लाभ नही | यह थे नारी के बारे मे चाणक्य जी के विचार |

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Top 8 Chanakya Niti in Hindi

13 Apr , 2018  

1.अपने बढो के आगे कभी  झूठ मत बोलो | राजा के आगे झूठ बोलने से मृत्यु दंड मिल सकता है |दुश्मन के  साथ धोखा

करने से धन का नाश  होता है | ब्राह्मण के साथ धोखा करने से कुल का नाश होता है | इसलिए कभी झूठ मत बोलो |

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2.अपने भाइयो ,सगे सम्बन्धियों  के बीच छोटा बन कर रहने से तो कही अच्छा है किआदमी जंगल  मे जा कर रहने लगे |

जहाँ पर बड़े -बड़े हाथी बाघ रहते हो | खाने के लिए पते और पीने के लिए तालाबो का गंदा पानी  मिले |ऐसे वातावरण  मे

भी तुम्हे आत्मिक शान्ति मिलेगी , क्योकि वहाँ आप अपने को छोटा नही समझेगे  |

 

3.ब्राह्मण एक व्रक्ष के समान है | उसकी जड संध्या और दान शारदा  है | पते धर्म -कर्म है | इसलिए जड की रक्षा  बड़े ध्यान से

करनी  चाहिए | यदि हथियार भी आदमी के पास हो और उसे चलाने की बुधि  न हो तो बिना हथियारों वाले  प्राणी से भी वह

हर जायेगा  | इस तरह से बुधि  बड़ी बलवान है |

 

4.अपने दायरे को तोड़ने वाला | अपनी  सीमा से बाहर जाने वाला |ऐसे प्राणी सदा धोखा खाते हैं | हर प्राणी के जीवन की

एक सीमा होती हैं  उसे अपने हालात, अपनी श्रदा , अपनी ताकत के अनुसार ही जीना चाहिए |

 

5.जो हर समय  अपने ख्याल मे खोया रहे | उसे विध्या नही आ सकती | जो मासाहारी है , उसके मन मे दया नही होती |

जो कामुक हैं ,वह कभी पवित्र  नही होता | यह भी सत्य हैं कि  चील के घोंसले  मे  कभी मास नही होता |

 

6.जब किसी चीज के गुणों का पता नही चलता  तो उसकी बुराई  होने लगती हैं  \ भ्लनी हाथी की कीमत नही जानती ,

फिर उसकी बुराई करके अपने मन को शांत कर लेती हैं | लोमड़ी जब अंगूरों तक  पहुंच नही सकती , तो वह कहती हैं कि

यह अंगूर खट्टे हैं | मैं तो मीठे अंगूर ही खाती हूँ |

 

7.जो पाखंडी होता है  दुसरो का काम बिगाड़ देता है   अमीर आदमी जब धन का दुरूपयोग करता है तो वह अन्दर से  वह

पापी होते है  | बिल्ली भी इन्ही के स्वभाव  वाली होती है |

 

8.महापुरुषों  का चरित्र धन्य है |वैरागी लक्ष्मी को एक तिनके के समान समझता है | लक्ष्मी कितनी भी उसके पास आ

जाये वह मुहँ फेर कर चल देता है |इंद्रिय  विजेता  के रास्ते मे सुंदर से सुंदर  औरत  कितना भी प्रयास क्यों न  करे  वह कभी

उसके जाल मे नही फंसता |

 

 

 

 

 

 

 

 

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Top 10 Chanakya Niti n Hindi

2 Apr , 2018  

1.मृत्यु सब इंसानों को कहा जाती है | जब सारा संसार समाप्त  हो जाता है  तो काल फिर भी जागता रहता है | मृत्यु कभी नही मरती |

हाँ वह सब इंसानों को मार देती हैं |इसमे कोई संदेह नही कि मृत्यु ही इस संसार मे सबसे बड़ी बलवान हैं |मृत्यु को आज तक कोई नही

लांग सका |

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2.जन्म से जो अन्धा हैं उसे दिखाई नही देता ,जो कामवासना मे अन्धा हैं उसे भी कुछ दिखाई  नही देता ,शराब अवम दुसरे नशे करने

वाले को भी कुछ दिखाई नही देता , स्वार्थी और पापी इन्सान जब अपना मतलब सिद्ध करना चाहता हैं तो उसे   इस धुन मे वह ऐसा अन्धा

होता हैं कि  किसी भी काम मे दोष नजर नही आता हैं |

 

3.जीवन तो स्वयं मे ही एक कर्म हैं और यह जीवन ही कर्म करता है |उन कर्मो के सहारे ही वह दुःख -सुख भोगता हैं |यही जिव कई योनियों

मे इस संसार मे जन्म लेता हैं और जब -जब यह जीव  पुरुषार्थ करता हैं तो संसार के बन्धनों से मुक्त हो जाता हैं |

 

4.देश मे किये पापो को राजा ,राजा के द्वारा  किये गये पापो को पुरोहित ,पत्नी  द्वारा किये गये पापो को पति ,और शिष्यों द्वारा किये गये

पापो को गुरु ही भोगता हैं |इसलिए हर इन्सान को पाप को दूर रहना चाहिए  |

 

5.लोभी  को धन से अभिमानी को हाथ जोडकर ,मुर्ख को उसकी इच्छा के अनुसार और विद्वान् को सदा सत्य बोलकर वश मे किया जा सकता हैं |

 

6.यदि कोई राजा पापी और स्वार्थी हैं तो उससे राज्य का न होना ही अच्छा हैं |इसी प्रकार धोखेबाज  और ढोंगी मित्रो से मित्र न होना ही अच्छा हैं |

बुरे और चरित्रहीन शिष्यों से तो शिष्य का न होना ही अच्छा हैं और दुराचारी नारी को पत्नी बनाने से तो अच्छा हैं ,इन्सान विवाह ही करे |

 

7.इन्सान को शेर औरबगुले से एक -एक ,मुर्गे से चार ,कौए से पांच ,कुते से छ: और गधे से तीन गुण सीखने चाहिए |इन्सान जो भी  छोटा -बड़ा

काम करना चाहता हैं ,उसे अपनी पूरी शक्ति से करे |यह शिक्षा उसे सिंह से लेनी चाहिए |विध्वान और ज्ञानी इन्सान को चाहिए कि वह अपनी

इंद्रियों को वश मे करके ,मन को एकाग्रचित करके तथा देश काल और अपने बल को अच्छी तरह जान कर बगुले के समान अपने सारे कार्य को

सिद्ध करे |यथा समय जागना ,युद्ध के लिए तैयार रहना ,बन्धुओ को उनका हिस्सा देना और आक्रमण करके भोजन करना |इन चारो बातो को

मुर्गे से सीखना चाहिए | छिपकर मैथुन  करना ध्र्ष्टता ,समय -समय पर संग्रह करना ,हर समय होशियार रहना और किसी पर विश्वास न करना |

इन पांच बातो को कौए से सीखना चाहिए |

 

8.अधिक खाने की शक्ति रखना , यधि न मिले तो थोड़े मे ही सब्र करना ,गहरी नीद मे सोना , जरा भी आहट होने पर जाग जाना ,अपने मालिक से

वफादारी और उसकी भक्ति करना ,बहादुरी से शत्रु से युद करना ,यह छ: गुण इन्सान को कुते से सीखना चाहिए |

 

9.बहुत ठक्कर भी बोझ उठाते जाना ,गर्मी -सर्दी की परवाह न करना सदा धैर्य और संतोष से जीवन व्यतीत करना |इन तीन गुणों को धैर्यवान गधे

से सीखना चाहिए | जो प्राणी इन बीस गुणों को अपने जीवन मे पल्ले बांधकर इन्हे पूर्ण रूप से धारण करेगा , वह सदा ही सफल होगा |

 

10.गाड़ी से पांच हाथ ,घोड़े से दस हाथ ,हस्ती से सौ हाथ दूर रहना चाहिए |दुर्जन से बचने के लिए यदि देश को भी छोड़ना पड़े तो इसमे

तनिक भी संकोच नही करना चाहिए |

 

 

 

 

 

 

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Top 10 in Chanakya Niti in Hindi

26 Mar , 2018  

1.ब्राहाण भरपेट भोजन मिलने पर ,मोर बादलो के गर्जने पर,सज्जन दुसरो की सम्पति से ,दुष्ट दुसरो को विपति मे देखकर बड़े

खुश होते हैं |मानव को अत्यंत सरल स्वभाव का नही होना चाहिए वनों मे जाकर देखो कि वहाँ सीधे ही व्रक्ष को ही काटा जाता हैं |

और टेढ़े -मेढ़े व्रक्ष बड़े मजे से खड़े रहते हैं |उन्हें कोई नही काटता |

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2. शेर की गुफा मे जाने पर ही हाथी के मस्तक का मोती प्राप्त होता हैं और गीदड़ के स्थान पर  जाने पर बछड़े की पूंछ और गधे के

चमड़े मिलते हैं | जैसे फूलो मे खुशबू होती हैं |तिलों से तेल निकलता हैं | काठ मे आग ,दूध मे घी और ईख मे गुड ,शक्कर होता हैं |

वैसे ही शरीर मे भी आत्मा का वास  हैं |बुदिमान और ज्ञानी लोगो को पाकर अपने जीवन का कल्याण करना चाहिए |

 

3.लम्बी आयु वाले मुर्ख बेटे से पैदा होते ही मर जाने वाला बेटा श्रेष्ठ हैं |उसका केवल थोड़े समय के लिए दुःख होता हैं परन्तु मुर्ख

बेटा तो जब तक जीवित  हैं तब तक माँ -बाप को दुःख देता रहेगा |

 

4.बदनाम ग्राम  मे निवास करना ,कुलहीन की सेवा करना ,बुरा भोजन करने वाली पत्नी ,मुर्ख पुत्र और विधवा नारी | यह छहों

बिना आग के ही शरीर जलाते रहते हैं |

 

5.उस गौ  का क्या लाभ जो दूध न देती हैं न गर्भ धारण करती हैं ,ठीक इसी प्रकार उस बेटे से क्या लाभ जो न विद्वान्  न हो

और न ही ईश्वर भक्त हो |

 

6.जिस घर मे सन्तान नही वह सूना हैं  ,जिस इन्सान के दोस्त या मित्र नही हैं उसकी दशो दिशाए सूनी हैं |मुर्ख इन्सान का

दिल सूना होता हैं और दरिद्री व् कामचोर के लिए तो सबकुछ सूना हैं |

 

7.जैसे आग मे जलते हुए एक ही व्रक्ष से वह सारा वन जिसमे वह पैदा हुआ हैं ,जलकर भस्म हो जाता हैं |वैसे ही एक ही बुरी

सन्तान सारे वंश के गौरव , मान और इज्जत को मिट्टी मे मिला देती हैं |

 

8.दिल को दु:खी करने वाले शोकदायक बहुत से बेटो के घर मे होने से क्या लाभ हैं ?उससे तो कही अच्छा यह हैं कि एक ही पुत्र

उतम और ज्ञानी हो |

 

9जंहा पर जल होता हैं वही पर हंस आते हैं |जब जल सुख जाता हैं तो वे उस स्थान को छोडकर चले जाते हैं |परन्तु मानव को

हंस की भांति बार -बार आने -जाने वाला स्वार्थी नही होना चाहिए |

 

10.कमाए हुए धन को खर्च करना ,दान देना उसकी रक्षा मणि जाती हैं |जैसे जल से भरे तालाब के अन्दर भरे हुए जल को

निकालते रहने से ही तो जल स्वच्छ रह सकता हैं |

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Top 8 in Chanakya Niti in Hindi

23 Mar , 2018  

1.पानी मे तेल और पापी आदमी से गुप्त रहस्य ,सत्पात्र को दिया गया दान ,बुद्धिमान को दिया गया शास्त्र ज्ञान ,यह सब

थोड़े होने पर भी वस्तु की शक्ति से स्वयं ही विस्तार को प्राप्त होते हैं |

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2.हे प्राणी ! तुम दुष्टों का साथ छोडकर अच्छे -भले ज्ञानी लोगो के साथ रहो |रात -दिन अच्छे -भले काम करो | यह मत भूलो

कि संसार नाशवान हैं |इसलिए ईश्वर को याद रखो |

 

3.धर्म ,धन अन्न और ज्ञान व् औषधियों का भलीभांति संग्रह करने वाले लोग बुद्धिमान  लोग होते हैं और जो लोग इनका संग्रह नही

करते वे कभी सुख से नही जी सकते |

 

4. मित्र ,स्त्री ,सेवक ,बन्धुवर —-  यह सब इन्सान को त्याग देते हैं | जब वह मनुष्य पुने: धनवान बन जाये तो वही लोग उसके पास

भागे आते हैं |ऐसा प्रतीत होता हैं कि यह धन ही तो इंसान का सबसे बड़ा दोस्त ,मित्र ,बन्धु -बांधव हैं | 

 

5.जो मुर्ख अज्ञानी  होने के कारण ऐसा समझता हैं  कि यह सुंदर नारी मुझसे प्रेम करती हैं | ऐसा आदमी उनके प्रेम जाल मे फसकर

कठपुतली की भांति नाचता रहता हैं |

 

6.वेश्याएँ बातचीत किसी से करती हैं ,किन्तु विलासपूर्वक किसी और को देखती हैं उनके मन मे भी किसी और का ही चिन्तन  होता हैं |

इसमे कोई संदेह नही कि वेश्याओ का प्यार किसी एक के साथ नही होता |वह सब को प्यारी होती हैं , परन्तु उनका असली प्यार  तो धन

से होता हैं |

 

7.जो प्राणी इस संसार  के मोहमाया जाल मे फंसे हुए हैं जो इस जाल से बाहर निकलने के लिए  न तो वेदों का पाठ करते ,न ईश्वर की

उपासना करते हैं |न ही अपने लिए स्वर्ग के द्वार खोलने के लिए धर्मरुपी  धन का संग्रह करते |न स्वप्न मे स्त्री के सुंदर स्तनों व् जंघाओं

का आलिंगन करते ,वे लोग माता के योवन रूपी व्रक्ष को काटने वाले कुल्हाड़े रूप होते हैं |

 

8.यह संसार एक विष व्रक्ष हैं |इस पर दो ही प्रकार के फल अम्रत के समान लगते हैं | पहला मधुर वचन व् दूसरा सज्जनों की संगति |

अथार्त मधुरभाषी व्यक्ति शत्रु को भी वशीभूत कर सकता हैं |और जो सज्जन पुरुषो की संगति करता हैं उसका निश्चय ही कल्याण

होता हैं |

 

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Top 10 in Chanakya Niti in Hindi

16 Mar , 2018  

1.आग ,पानी ,स्त्री ,सांप और राज परिवार |इन सबसे सदा होशियार रहना चाहिए | क्योकि  जरा सी भूल  के कारण यह प्राणों को नष्ट कर देते है |

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2.राजा ,आग ,गुरु और स्त्री |इन का सेवन मध्य अवस्था  मे करना चाहिए |क्योकि यह सब अत्यंत

निकट होने  पर भी विनाश का कारण बन जाते है |

3.हे प्राणी ! यदि तुम एक ही कर्म से इस संसार को अपने वश मे करना चाहते हो तो दुसरो की निंदा
मे लगी अपनी वाणी को रोको |अथार्त निंदा करना छोड़े |

 

4.बुरे कर्म करने के पश्चात  पश्चाताप करने वाले प्राणी को जैसे बुधि प्राप्त होती है ,यदि वैसी ही बुधि
उसे पाप करने से पहले मिल जाए तो किसका कल्याण नही होगा ?

5.जो लोग समर्थ है ,धन वाले है ,उनके लिए गलत काम भी ठीक हो जाते है | परन्तु जो लोग  निर्धन है ,छोटे है उनके लिए उचित कार्य भी गलत गिने जाते है | उदाहरन के   भी तोर पर दैत्य के लिए अम्रत भी मौत का कारण बन जाता है और शिवजी के लिए विष भी अम्रत बन जाता है |इसी विष को पीकर वे नीलकंठ के नाम से प्रसिद हो गये |

 

6.चन्दन का व्रक्ष यदि काट  भी दिया जाये  तो वह अपनी गंद नही छोड़ता ,बुढा होने पर भी हाथी अपनी कामक्रीडा को नही छोड़ता ,ईख को कोल्हू मे पेर दिया जाए तो भी वह अपनी मिठास नही  छोड़ता | इसी प्रकार जो अच्छे और उच्च वंश के लोग है ,धनहीन होने पर भी अपनी सुशीलता को
नही छोड़ते |

7.ऐसे माँ –बाप अपनी सन्तान के स्वयं शत्रु है जिन्होंने अपनी सन्तान को उतम शिक्षा नही दी | जोअपनी सन्तान का पालन –पोषण अच्छे ढंग से नही करते |क्योकि बुधिहीन या अज्ञानी लोग जब विदानोकी सभा मे जाते है तो वह ऐसे चुपचाप बैठ जाते है ,जैसे वे गूंगे हो |ऐसे लोगो को उस सभा मे देखकर

ऐसा प्रतीत होता है जैसे हंसो की सभा मे कौआ बैठा हो |

8.कुवारी कन्या और बालक भगवान का रूप माने गये है |हाथी को देखकर हजार हाथ दूर रहो |घोड़े से सौ हाथ दूर रहो ,सींग वाले पशु को देखकर दस हाथ दूर रहो | किन्तु बुरे आदमी को देखकर आप वंहासे केवल भाग ही न लो ,बल्कि उस शहर को भी छोडकर भाग जाए तो अधिक अच्छा है बुरा आदमी   सदा नुकसान ही पहुंचाता हैं |उससे भले की आशा न रखे |

 

9.हंस केवल वही पर रहते हैं ,जंहा पर उन्हें पानी मिलता हैं |सरोवर सुख जाने पर वह अपनी जगह बदल देते हैं किन्तु प्राणी को ऐसा स्वार्थी  न होना चाहिए

उसे बार -बार अपना स्थान नही बदलना चाहिए |

10.जैसे धरती खोदने से उसमे से पानी निकलता है |वैसे ही गुरु की सेवा करने से विद्या प्राप्त होती हैं |यह बात सदा याद रखे कि गुरु की सेवा के बिना

इन्सान कभी अच्छी शिक्षा  नही पा सकता |

 

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Top 10 in chanakya Niti in Hindi

13 Mar , 2018  

1.बुरी आदतों वाले पुरुष ,बुरे  स्थानों  पर रहने वाले लोग इनसे जो भी मित्रता करता है वह एक न एक दिन

धोखा  खाता है | राजा लोग  खानदानी आदमी को अपने पास क्यों रखते है | इसलिए कि वह खानदानी आदमी ,

न तो राजा को मुसीबत  मे डालता है | न  कभी धोखा देता है , न ही वह राजा के पास  इतना धन देखकर  ईर्ष्या

करता है

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2.मुर्ख प्राणी   और पशु दोनों एक समान होते  है | इन दोनों मे अन्तर केवल इतना है  कि वह पशु के पावं चार और

प्राणी के पावं दो होते है |मुर्ख प्राणी के अन्दर कांटे भरे होते है | जो दिखाई नही देते , किन्तु उसकी कडवी बोली  काँटों

से भी अधिक  तेज लगती है  |

 

3.काली कुरूप कोयल  की सुन्दरता उसका स्वर है | पुरुष की सुन्दरता उसकी विध्या  है  बुरी औरत  की सुन्दरता

क्षमा  है  इसी तरह औरत की सुन्दरता उसका पतिव्रता धर्म होता है

 

4.हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती  है |पूजा करने से पाप  मिट जाते है |छुप रहने से झगड़ा  मिट जाता है |

 

5.एक अच्छा  फूलदार व्रक्ष सारे वन की शोभा बढ़ा देता है  इसी प्रकार एक अच्छा बेटा सारे वंश की शोभा  बढ़ा देता है

सो  मुर्ख बेटो से एक बुद्धिमान बीटा अच्छा होता है |केवल एक वर्ष मे आग लगने से पुरे जंगल मे आग लग जाती है |

एक का ही बड़ा महत्व होता है |एक चाँद सारे संसार को प्रकाश देता है | अनेक से एक भला यदि वह सपूत हो  |

 

6.लक्ष्मी का वस् कहाँ  होता है  ? जहाँ पर मुर्ख की पूजा नही होती है |जहाँ अनाज के भंडार सदा भरे रहते  हो | पति –

पत्नी  मे झगड़ा न होता हो  बस इन स्थानों पर ही लक्ष्मी निवास  करती है |

 

7.हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ अवश्य होता है |बिना स्वार्थ दोस्ती ही नही हो सकती |यह एक कटु सत्य है |

दू:ख के समय ही दोस्ती की पहचान होती है | सुख के तो सारे साथी है |परन्तु जब इन्सान का बुरा वक्त  आता है  |उसी

समय सच्चे दोस्त की पहचान होती है |

 

8.असली दोस्त वही है जो दोस्त के काम आए | सच्चे दोस्त को भाई के समान माना गया है |यही कर्ण है कि दोस्ती  ही

इन्सान के काम आती है |

 

9.शक्तिशाली शत्रु ,कमजोर मित्र  सदा नुकसान देते है | क्युकी कमजोर मित्र  कभी भी  विश्वास घात कर सकता है |

परन्तु शत्रु  से आदमी  स्वंय होशियार रहता है |

 

10. पत्नी जैसी भी हो ,धन जितना भी हो , भोजन जैसा भी हो , यह सब  यधि समय पर मिल जाए तो सबसे अच्छा है |

यह सब पा लेने के पश्यात  उसे यह नही भूलना चाहिए  कि उसका एक और कर्तव्य भी है  विध्या प्राप्त करना |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Chanakya Niti On Krma

7 Mar , 2017  

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अस्थाई

1. पुरुष  आदि काल से ही  चंचल  है |इस संसार मे  भगवान को छोड़ कर  हर चीज अस्थाई  है  |क्क्ष्मी  तो रमणी है |सदा नृत्य करती है |यह धन

रिश्ते नाते ,घर द्वार  सब अस्थाई  है |इनमे से  कोई किसी का  साथ नही देता  | साथ क्या देता है |केवल धर्म ही अटल सत्य है |यह ज्ञान का

भण्डार है |ज्ञान अस्थाई है |यह कभी प्राणी का साथ नही छोड़ता  |मनुष्य की सुनने की शक्ति  सबसे महान  होती है | यह सुनकर ही ज्ञान पाता है |

यह सुनकर  ही मोक्ष  प्राप्त करता है |इस तरह के प्राणी  हर अच्छी  चीज  केवल सुनकर ही  ग्रहण  करता है |,अच्छा -बुरा दोनों  ही को प्राणी सुनता है

किन्तु बुराई से दूर रहते  हुए | उसे केवल अच्छाई  और  ज्ञान की बोली को सुनना चाहिय |

 

 कर्म

2.प्राणी जेसा  काम करता है |वैसा ही  उसे फल मिलता है | इन कर्मो के  ही  तो प्राणी इस संसार  के माया जाल मे फंसा  रहता है |अच्छे -बुरे काम  |

और जब मोत  आती है  यह सब कुछ  यही पर रह जाता है |कुछ भी तो प्राणी के साथ नही जाता  |यदि पुरुष के साथ जाता है  तो केवल उसके कर्म |

इस संसार  मे केवल  कर्म ही  प्रधान  है |कर्म  फल ही प्राणी को मिलता है | जब प्राणी इस  बात  को अच्छी तरह  जानता  है  कि मरने के बाद उसे

अपने कर्मो का फल मिलेगा तो फिर अच्छे  कर्म क्यों  नही करता है |

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chanakya niti On Greeb Log

26 Jan , 2017  

अकेलापन

1जिसका  कोई  भाई  न  हो  वह प्राणी  अकेला दुखी रहता  हैं | एकांत  उसे सांप  की भांति  कटता हैं |

मूर्ख का  दिल  और दिमाग  शून्य  होता  हैं | गरीब  बेचारे  की  तो  हर चीज  शून्य  होती हैं | गरीब  होना  ही पाप  हैं  और धनवान  होना
जीवन  का सुनहरा  पन हैं |

उदास

2.जिस घर  बच्चे न  हो वह घर  सुना  लगता  हैं | पति पत्नी  भी  उदास  रहते  हैं |

निर्धन 

3.निर्धन  सदा  धन  की तलाश  में  भटकते  हैं ,उनके मन  में  सदा अमीर बनने  की  इच्छा  रहती हैं |

इस  संसार  का हर  प्राणी  स्वर्ग  चाहता  हैं ,वह सदा  स्वर्ग  के  सपने  देखता  हैं | इसे  हम  इच्छा   कहते  हैं | यह  सारा संसार  इच्छाओ का  दास  बन कर  रह गया  हैं |