1. एक महान आदमी जब कोई गलत काम करता है तो उसे कोई कुछ नहीं कहता. एक नीच आदमी जब कोई अच्छा काम भी करता है तो उसका धिक्कार होता है. देखिये अमृत पीना तो अच्छा है लेकिन राहू की मौत अमृत पिने से ही हुई. विष पीना नुकसानदायी है लेकिन भगवान् शंकर ने जब विष प्राशन किया तो विष उनके गले का अलंकार हो गया।
2. जो जल धरती में समां गया वो शुद्ध है. परिवार को समर्पित पत्नी शुद्ध है. लोगो का कल्याण करने वाला राजा शुद्ध है. वह ब्राह्मण शुद्ध है जो संतुष्ट है।
3. जो व्यक्ति गुणों से रहित है लेकिन जिसकी लोग सराहना करते है वह दुनिया में काबिल माना जा सकता है. लेकिन जो आदमी खुद की ही डींगे हाकता है वो अपने आप को दुसरे की नजरो में गिराता है भले ही वह स्वर्ग का राजा इंद्र हो।
4. जिस प्रकार एक फूल में खुशबु है. तील में तेल है. लकड़ी में अग्नि है. दूध में घी है. गन्ने में गुड है. उसी प्रकार यदि आप ठीक से देखते हो तो हर व्यक्ति में परमात्मा है।
5. शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से करे।
6.बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे।
7. मुर्गे से हे चार बाते सीखे.
१. सही समय पर उठे. २. नीडर बने और लडे. ३. संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित
बटवारा करे. ४. अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे।
8. कौवे से ये पाच बाते सीखे… १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. २. नीडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टी घुमाये. ५. दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे।
9. कुत्ते से ये बाते सीखे १. बहुत भूख हो पर खाने को कुछ ना मिले या कम मिले तो भी संतोष करे. २. गाढ़ी नींद में हो तो भी क्षण में उठ जाए. ३. अपने स्वामी के प्रति बेहिचक इमानदारी रखे ४. नीडरता।
10. गधे से ये तीन बाते सीखे. १. अपना बोझा ढोना ना छोड़े. २. सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. ३. सदा संतुष्ट रहे।
11. विद्यार्धी के लिए आवश्यक है कि वह इन आठ दोषों का त्याग करे: I. काम, II. क्रोध, III.लोभ, IV.स्वादिष्ठ पदार्थों या भोजन, V.श्रृंगार, VI.हंसी-मजाक, VII. निद्रा (नींद), VIII. अपनी शरीर सेवा में अधिक समय न दे। इन आठों दोषों के त्यागने से ही विद्यार्थी को विद्या प्राप्त हो सकती है।
12. अर्जित विद्या अभ्यास से सुरक्षित रहती है, घर की इज्जत अच्छे व्यवहार से सुरक्षित रहती है, एक इज्जतदार व्यक्ति अपने विशेष गुणों से पहचाना जाता है, और किसी भी व्यक्ति का गुुस्सा उसकी आँखो में दिखता है।