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Chanakya’s Wonderful 12 Tips for a Successful Life

29 Jul , 2019  

1. शत्रु का सबसे घातक हथियार होता है “उकसाना ” । शत्रु ऐसा प्रयास करता है की आपको उकसाया जाये जिससे आप को क्रोध आए। क्रोध में शक्ति और विवेक आधी हो जाती है और शत्रु आपकी कमजोरी का फायदा उठाता है। इसलिए शत्रु आपको उकसाने का प्रयास करे तो कछुए की भांति क्रोध को समेटकर अपने अंदर रख लो और अपनी पूरी तैयारी के साथ वार करो। इसलिए कभी भी शत्रु के उकसाने पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। लेकिन शत्रु को क्षमा भी नहीं करना चाहिए। क्षमा करने से शत्रु का मनोबल बढ़ता है। 

 

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2. किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं! जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना। 

 

3. भले ही आप में बहुत से गुण हो।  आपका व्यवहार अच्छा हो, आप दयावान हो। आप समाजसेवी हो या आप पैसे वाले हो।  आपकी समाज में बड़ी इज्जत है। लेकिन आपके अंदर एक छोटा सा भी दोष होगा। तो वह आपका जीवन बर्बाद कर देगा। 

 

4. वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।

 

5. संस्कारी परिवार की कन्या यदि सुंदर ना हो तो भी उससे विवाह कर लेना चाहिए।  विवाह के बाद स्त्री के गुण ही परिवार को आगे बढ़ाते है। संस्कारी कन्या के आचार विचार शुद्ध होते है। ऐसी स्त्री एक श्रेष्ठ परिवार बनाती है। 

 

6. आग में आग नहीं डालनी चाहिए। अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए।

 

7. जब कार्यों की अधिकता हो, तब उस कार्य को पहले करें, जिससे अधिक फल प्राप्त होता है।

 

8. बहुत से परिवारों में झगड़े होते है और ये होना भी आम बात है पर इस बात को कभी भी किसी बहार वाले को नहीं बताना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार अगर आप बहार वाले को ये बातें बताते हैं तो ऐसा करने पर समाज में परिवार की प्रतिष्ठा कम होती है और साथ ही साथ परिवार का अहित चाहने वाले लोग हमारे आपसी झगड़े से लाभ उठाते है। 

 

9. परिश्रम वह चाबी है, जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है। 

 

10. समझदार आदमी वही है जो कमाई और खर्चे के तालमेल को समझ सके। जो लोग आय से ज्यादा खर्च करते है, वो हमेशा परेशानियो में रहते है। इसलिए धन सम्बन्धी सुख पाने के लिए कभी भी आय से ज्यादा खर्च न करे। 

 

11. जो लोग मिली हुई चीज को छोड़कर उस चीज के पीछे भागते है जिसके मिलने की कोई आशा ही न हो , ऐसे लोग मिली हुई चीज को भी खो देते है। 

 

12. औरत को सदा गृह कार्य में लगे रहना चाहिए। इसलिए उसे गृहणी कहा गया है। वही औरत आदर और सत्कार के योग्य होती है, जो अपने घर में रहकर पति की सेवा करे। बच्चों का पालन पोषण करती है।