Chanakya Niti

Chanakya Niti Tips For success Life

22 Jul , 2019  

1. किसी सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कहां पर कितना क्रोध करना चाहिए जो इन सब बातों को जानता है, उसे पण्डित अर्थात ज्ञानी व्यक्ति कहा जाता है।

 

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2. घर से बाहर विदेश में रहने पर विद्या मित्र होती है, घर में पत्नी मित्र होती है, रोगी के लिए दवा मित्र होती है तथा मृत्यु के बाद व्यक्ति का धर्म ही मित्र होता है। 

 

3. जो महेनती है, वो गरीब नहीं हो सकते, हरदम भगवान को याद करने वालो को कभी भी पाप नहीं छू सकता, जो चुप और शांत रहे है वो झगड़ों में नहीं पड़ते, जागृत लोग निडर रहते है। 

 

4. आखों  से देखकर पैर  रखना चाहिए, कपड़े से शुद्ध करके पानी पीना चाहिए, शास्त्र से शुद्ध करके वचन बोलने चाहिए और मन में विचार करके कार्य करना चाहिए। 

 

5. मूर्ख व्यक्ति को दो पैरोंवाला पशु समझकर त्याग देना चाहिए, क्योंकि वह अपने शब्दों से शूल के समान उसी तरह भेदता रहता है, जैसे अदृश्य कांटा चुभ जाता है|

 

6. धन का नाश हो जाने पर, मन में दुखः होने पर, पत्नी के चाल – चलन का पता लगने पर, नीच व्यक्ति से कुछ घटिया बातें सुन लेने पर तथा स्वयं कहीं से अपमानित होने पर अपने मन की बातों को किसी को नहीं बताना चाहिए । यही समझदारी है।

 

7. जिसके घर में माता न हो और स्त्री क्लेश करने वाली हो , उसे वन में चले जाना चाहिए क्योंकि उसके लिए घर और वन दोनों समान ही हैं ।

8. दान से ही हाथों की सुन्दरता है, न कि कंगन पहनने से, शरीर स्नान से ही शुद्ध होता है न कि चन्दन का लेप लगाने से, तृप्ति मान से होता है, न कि भोजन से, मोक्ष ज्ञान से मिलता है, न कि श्रृंगार से ।

 

9. धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए । विद्याहीन गुरु को, क्रोधी पत्नी को तथा स्नेहहीन बान्धवों को भी त्याग देना चाहिए ।

 

10. जो व्यक्ति स्पष्ट , साफ , सीधी बात करता है उस व्यक्ति की वाणी तीव्र एवम कठोर होती जरूर है लेकिन ऐसा व्यक्ति किसी को धोखा नहीं देता।