1. सर्प का विष दांतो में, मक्खी का विष उसके मस्तक में, बिच्छू का विष उसकी पूंछ में होता है । लेकिन दुष्ट व्यक्ति का तो समूचा शरीर ही विष वृक्ष होता है। अर्थात उसके नख – शिख में विष ही विष भरा होता है । इसलिए दुष्ट व्यक्ति का कभी संग नहीं करना चाहिए ।
2. अगर आप खाली बैठे है, तो जरा सोचिये आप क्या खो रहे है, आप खाली बैठकर अपना कीमती समय खो देते है, यह वह समय होता है जो कभी भी वापिस नहीं आता है, इसलिए अपने समय का उपयोग करना चाहिए ।
3. जीवन में दो ही नियम रखना, मित्र सुख में हो आमंत्रण के बिना जाना नहीं, मित्र दुःख में हो तो आमंत्रण का इंतजार करना नहीं ।
4. किसी भी व्यक्ति की वर्तमान स्थिति देखकर उसके भविष्य का मज़ाक मत उड़ाओ, क्योकि समय में इतनी ताकत है की वो भी एक कोयले को हीरे में बदल देती है।
5. साथ रहकर जो छल करे उससे बड़ा कोई शत्रु नहीं हो सकता और जो हमारे मुँह पर हमारी बुराइया बता दे उससे बड़ा कोई मित्र नहीं हो सकता ।
6.किसी के साथ अपने रहस्य साझा न करे। अगर तुम खुद अपने रहस्य छुपा नहीं सकते तो कैसे उम्मीद करते हो की कोई दूसरा उस रहस्य को छुपाएगा । यही तुम्हे बर्बाद करता है ।
7. खुद पर भरोसा करना सीखो क्योकि लोग आपको सलाह दे सकते है । बाकि कोशिश आप को खुद करनी होगी ।
8. सुबह की चाय और बड़ो की राय समय समय पर लेते रहना चाहिए । पानी के बिना, नदी बेकार है अतिथि के बिना, आँगन बेकार है । प्रेम न हो तो, सगे सम्बन्धी बेकार है । पैसा न हो तो, पॉकेट बेकार है । जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार है । इसलिए जीवन में गुरु जरूरी है गरूर नहीं ।
9. मूर्खो से वाद – विवाद नहीं करना चाहिए , क्योंकि इससे केवल आप अपना ही समय नष्ट करेंगे
10. अपनी झोपडी में राज करना दुसरो के महल में गुलामी करने से बेहतर है
11. मुर्ख शिष्य को पढ़ाने पर, दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियो – रोगियों के बीच में रहने पर विद्वान व्यक्ति भी दुःखी हो ही जाता है ।
12. कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है तो, भर कर बाहर आती है । जीवन का भी यही गणित है जो झुकता है वह प्राप्त करता है । दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे लोग पैदल चलेंगे और हम कंधो पर ।