.1.वह नारी उतम मानी जाती हैं जो पवित्र हो ,चालाक हो ,चालाक को पतिव्रता हो | जो अपने पति से प्रेम करती हो ,सत्य बोलती हो ,
ऐस गुणों वाली औरत जिस घर मे होगी वह घर सदा सुख के झूलो मे झूलेगा |उस घर मे खुशियाँ ही खुशियाँ होगी |उसी घर को भाग्यशाली
घर कहा जा सकता हैं |
2. इस संसार का हर प्राणी औरत को पालने की आशा करता हैं |यहाँ तक की बड़े -बड़े विद्वान् ,महापंडित ,ज्ञानी ,देवता ,आखिर यह सब
क्यों होता हैं |यह आपने कभी सोचा |
3.इस संसार की सबसे बड़ी शक्ति कोंन- सी हैं ? क्या आप कल्पना कर सकते हैं | कि इस संसार को जीत लेने वाला पुरुष उस शक्ति
के आगे ऐसे पिंघल जाता हैं जैसे आग के सामने मोम |वह शक्ति -नारी की जवानी और सुन्दरता |
4.अत्यंत सुंदर औरत का शरीर क्या हैं ? मांस , हाड़ और उसके यौवनांग |पुरुष इसी मे खो जाना चाहता हैं | किन्तु सत्य यह हैं |
कि यही सबसे बड़ा नर्क हैं | आप इससे जितना भी बच कर रहेगे ,उतना ही लाभ होगा |
5.औरत कितनी भी बड़ी हो जाये ,किन्तु वह अपने को सदा सुंदर और जवान ही समझती रहती हैं |उसकी यही इच्छा होती हैं |
कि वह सदा जवान ही रहे तांकि पुरुष उसके पीछे -पीछे घूमता रहे |
6.औरत के चेहरे की सुन्दरता और उसके शरीर की बनावट पर पुरुष मरता हैं |यही कारण हैं कि वह एक औरत के साथ रहते
हुए भी किसी दूसरी औरत को बुरी नजरो से देखता हैं |
7.मासिक धर्म के पश्चात नारी कुवांरी लडकी जैसी ही पवित्र हो जाती हैं | पुरुष को यह सलाह दी जाती हैं कि भूलकर भी मासिक धर्म
के दिनों मे औरत से सम्भोग न करे |
8.इस दुनिया मे अधिकतर ,युद्ध,दुर्घटनाए ,केवल नारी के कारण ही हुई हैं |इसीलिए बुदिजीवी को यही सलाह दी जाती हैं कि ये औरत
के इस माया जाल से दूर रहे |
9.जो नारी सुबह के समय अपने पति की सेवा ,माँ के समान करती हैं और दिन मे बहन के समान प्यार देती हैं |और रात मे वेश्या की
भांति ,उसे अपने शरीर का आनन्द दे उसे ही सत्य से अच्छी और गुणवान पत्नी माना जाता हैं |
10.परिवार के झगड़ो के पीछे अधिकतर हाथ नारी का ही होता हैं |इसलिए बुद्धिमान पुरुषो को यह सोच लेना चाहिए कि केवल औरत के पीछे
लड़ने झगड़ने का कोई लाभ नही | यह थे नारी के बारे मे चाणक्य जी के विचार |