तप
1.तप भक्ति पूजा केवल एकान्त मे ही करनी चाहिय |विधार्थियो को इकट्ठे बैठ कर पढना चाहिय |गीत गाने वाले मिलकर गाये तो गाना अच्छा लगता है |
इकट्ठे मिलकर सफर करने मे थकावट नही होती |मिलकर खेती करने से फसल अच्छी होती है |बहुत सारे लोग यदि मिलकर शत्रु से युद करे तो विजय उन्ही
की होगी | राजा की आज्ञा ,कन्यादान ,पण्डित के बोल |राजा एक बार हुक्म देने के पश्यात उसका पालन चाहता है |उसके आदेशो का पालन न करने वाले को
सजा मिलती है |कन्यादान केवल एक ही बार होता है |इसके पश्यात लडकी पराई हो जाती है | जिस घर मे बच्चे न हो वह घर सुना हो लगता है | पति -पत्नी भी
उदास रहते है |
भाग्य
2.आयु ,कर्म धन ,विध्या और मृत्यु यह पांचो बाते उसी समय प्राणी के भाग्य मे लिख दी जाती है | गन्दे कपड़ो मे रहना वाला |घटिया और नीच लोगो
की सेवा करने वाला | घटिया बासी भोजन खाने वाला | लड़ाकू पत्नी जो पति से हर समय झगड़ा करती रहे | विधवा ओरत |यह सब चीजे पुरुष के लिए
बहुत हानिकारक होती है | इनसे सदा बच कर रहे | यह संसार दू;खो का घर है | हर प्राणी दू;खो मे डूबा रहता है |शान्ति के लिए साधू ,सन्तान , पत्नी की
शरण मे जाना चाहिय |थका हारा इन्सान इनके पास जाकर ही अपने दू ;ख दूर कर सकता है |