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Chanakya Niti ON Tp Or Bagya

9 Mar , 2017  

 

तप

1.तप  भक्ति पूजा  केवल  एकान्त मे ही करनी चाहिय  |विधार्थियो  को इकट्ठे  बैठ  कर पढना चाहिय  |गीत गाने वाले मिलकर गाये तो गाना अच्छा लगता है |

इकट्ठे मिलकर  सफर करने मे थकावट  नही होती  |मिलकर खेती करने से फसल अच्छी  होती है |बहुत सारे लोग  यदि  मिलकर शत्रु  से  युद करे तो विजय उन्ही

की होगी  | राजा की आज्ञा ,कन्यादान ,पण्डित के बोल  |राजा एक बार हुक्म देने के पश्यात उसका पालन चाहता है |उसके आदेशो का पालन न करने वाले  को

सजा  मिलती है |कन्यादान   केवल एक ही बार होता है |इसके पश्यात लडकी पराई  हो जाती है | जिस घर मे बच्चे न हो वह घर सुना हो लगता  है | पति -पत्नी भी

उदास  रहते है |

भाग्य

2.आयु ,कर्म  धन ,विध्या  और मृत्यु  यह पांचो बाते उसी समय प्राणी के भाग्य   मे लिख दी जाती है | गन्दे कपड़ो मे रहना वाला  |घटिया  और नीच लोगो

की सेवा करने वाला  | घटिया बासी भोजन  खाने वाला | लड़ाकू पत्नी जो पति से हर समय झगड़ा करती  रहे  | विधवा ओरत  |यह सब चीजे  पुरुष के लिए

बहुत हानिकारक  होती है | इनसे  सदा बच कर रहे |  यह संसार दू;खो  का घर है | हर प्राणी दू;खो  मे डूबा रहता है |शान्ति के लिए साधू ,सन्तान , पत्नी की

शरण  मे जाना चाहिय |थका हारा इन्सान इनके पास जाकर ही अपने दू ;ख दूर कर सकता  है |