1. घर-परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए, आपके ऊपर कोई बड़ी मुसीबत हो जाए, लेकिन जो कभी आपका साथ ना छोड़े, वह आपका शुभचिंतक है। भले ही वह आपसे नाराज हो, लेकिन आपको परेशानी में देखते ही मदद करने आए, ऐसे इंसान को कभी खुद से दूर ना करें। वह दिल से आपको चाहता है और इससे बड़ा शुभचिंतक आपके लिए कोई और नहीं हो सकता है।
2. वह पत्नी जो दूसरे पुरुष में रूचि रखती है, उसके लिए उसका पति ही उसका शत्रु है। जो चोर रात को काम करने निकलता है, चन्द्रमा ही उसका शत्रु है। भिखारी कंजूस आदमी का दुश्मन होता है, एक अच्छा सलाहकार एक मूर्ख आदमी का शत्रु है।
3. भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अगर कमी है तो वो समय की। तरक्की की राह में लोग इतने मशगूल हो जाते हैं वो अपने घर और रिश्तों को समय नहीं दे पाते। इससे रिश्तों के बीच में धीरे-धीरे दरारें और गलफहमियां पैदा हो जाती है और बात रिश्ता हमेशा खत्म करने पर आ जाती है। तेजी से भागते समयचक्र में लोग एक-दूसरे के सुख और दुख के वक्त में नहीं पहुंच पाते है। ऐसी स्थिति आने में केवल समय का दोष नहीं होता बल्कि कहीं न कहीं आप भी जिम्मेदार होते हैं।
4. अगर आप ये जानते हैं कि आप क्या कर सकते हैं और क्या नहीं तो सफलता को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जो काम आप कर सकते हैं उसी काम की जिम्मेदारी लें । इसके उलट अगर आप अपनी सामर्थ्य से अधिक काम पकड़ेंगे न सिर्फ आप असफल होंगे बल्कि आपको कार्यस्थल पर भी अपमान का सामना करना पड़ेगा।
5. कुत्ते के लिए उसकी दुम गर्व का सूचक नहीं होती। कुत्ते की पूंछ मक्खी, मच्छरों को उड़ाने के काम नहीं आती। उसी प्रकार काम ज्ञान वाले की बुद्धि बेकार होती है। इसलिए उसे अधिक से अधिक सीखते रहने का प्रयास करते रहना चाहिए।
6. यह सच है। की जितना भी धन मिल जाये वह कम है। लेकिन धन की असंतुष्टि इंसान को पागल बना देती है। अधिक धन पाने के लिए लोग गलत रास्ता अपना लेते है, जिसका परिणाम जिंदगी की बर्बादी के रूप में मिलता है।
7. जो व्यक्ति अपनी प्रेमिका, पत्नी को सुरक्षा का अहसास कराएं। उन्हें अच्छा माहौल दें। वहां पर कभी भी प्रेम कम नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि हर स्त्री अपने पति में अपने पिता की छाया देखती है, अगर आप उनके साथ सुरक्षात्मक व्यवहार करते हैं तो वह निश्चिंत होकर आपके साथ रहेगी।
8. यदि कोई पुरुष किसी दूसरे पर निर्भर रहता है तो उसका जीवन नर्क के समान रहता है वह कभी भी अपनी आजादी प्राप्त नहीं कर सकता है। दूसरों पर निर्भर रहने वाले व्यक्ति की किस्मत खराब मानी जाती है।
9. चाणक्य कहते हैं जो अल्प मति के लोग है वह मूर्ति के अंदर भगवान देखते हैं लेकिन जो व्यापक दृष्टि से देखने वाले लोग होते हैं वह यह बात अच्छे से जानते हैं कि भगवान सर्वव्यापी हैं।
10. यदि किसी स्थान पर झगड़ा हो रहा है और आपका उससे कोई संबंध नहीं है तो उसके बीच में कोई भी हस्तक्षेप गलती से भी नहीं करना चाहिए। अगर आपने गलती से उसमे हस्तक्षेप किया तो आगे चलकर आपके ऊपर बहुत बड़ी मुसीबत आ सकती है। इसलिए झगड़े वाले स्थान पर मौन रहना ही अच्छा है। अगर किसी स्थान पर लोग खुद की तारीफ खुद ही कर रहे होते है। या अपना अंहकार दिखा रहे होते है तो वैसे स्थान पर खामोश रहना चाहिए। ऐसी जगह पर बोलने वाले व्यक्ति का अपमान होता है। साथ ही वे लोग आपको नीचा दिखाने की भी कोशिश करेंगे। इसलिए एक बुद्धिमान व्यक्ति को इन दोनों स्थानों पर हमेशा खामोश ही रहना चाहिए।
11. सुंदरता की शोभा केवल गुणों से होती है। यदि किसी प्राणी में गुण नहीं है तो वह बिलकुल ही बेकार होता है। उसका यही हाल होता है। जो बंजर धरती का होता है। बंजर धरती को तो हम इसलिए तो बेकार कहते है। की उसमे कोई फसल पैदा नहीं होती।
12. चाणक्य ने अपनी निति में पाप गरीबी क्लेश और भय दूर करने के तरीके बताए है। यदि कोई आपसे कुछ कहे तो उस समय आपका चुप रहना ही उचित होता है। चुप रहने से क्लेश नहीं होगा और लोगो को यह पता नहीं चलेगा की आपके मन में क्या चल रहा है। और साथ ही हर समय चौकन्ना रहने से मन में किसी भी प्रकार का डर नहीं रहता। गरीबी से मुक्ति पानी हो तो दान करना सबसे अच्छा उपाय है। व्यक्ति को अपने शक्ति के अनुसार दान करना चाहिए। दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। और पुराने पाप धूल जाते है। पाप खत्म करने के लिए लगातार मंत्र जाप या पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि और मन निर्मल हो जाता है। जिससे प्राश्चित भी होता है और हर तरह के पाप खत्म हो जाते है।