1. रोग सांप और शत्रु इन्हे कभी घायल करके न छोड़े। रोग का पूरा उपचार नहीं हुआ तो वह फिर से प्रभावी होकर उभर सकता है। सांप को घायल छोड़ दिया तो वह और भी घातक हो सकता है। शत्रु अगर घायल होकर बच गया तो वह अंदर ही अंदर बदले की आग में जलता है। और फिर हमला कर सकता है। इसलिए शत्रु पर वर करो तो ऐसा की वह फिर उठ न सके।
2. यदि कोई सर्प जहरीला न भी हो तो भी उसे फुफकार मारना कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए इसी तरह यदि कोई व्यक्ति कमजोर भले ही हो उसे कभी अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
3. अगर समझाने से लोग समझ जाते तो बांसुरी बजाने वाला कभी महाभारत होने नहीं देता।
4. अपनी सफलता का रोब माता – पिता को मत दिखाओ क्योंकि उन्होंने अपनी जिन्दगी हार कर आपको जिताया है।
5. जो शक्ति न होते हुए भी मन से हार नहीं मानता है, उसको दुनिया की कोई ताकत नहीं परास्त कर सकती।
6. इंसान असफल तब नहीं होता जब वो हार जाता है। असफल तब होता जब वो ये सोच ले की अब वो जीत नहीं सकता।
7. खुद को अगर जिंदा समझते हो तो गलत का विरोध करना सीखो, क्योंकि लहर के साथ लाशे बहा करती है तैराक नहीं।
8. उन लोगो को कभी न भूले जिन्होंने आपका साथ तब दिया जब आपके पास कोई नहीं था।
9. पानी की एक एक बूंद गिरने से घड़ा भर जाता है। इसी तरह धीरे धीरे अभ्यास करने से सब विद्याओं की प्रप्ति हो जाती है तथा थोड़ा – थोड़ा करके धन का संचय भी हो जाता है।
10. जो व्यक्ति किसी दूसरे की स्त्री को माता की भांति पराए धन को मिट्टी के ढेले की भांति और समस्त प्राणियों को अपनी आत्मा की भांति देखता वह समझता है वस्तुतः वही ठीक-ठाक देखने वाला होता है