Chanakya Niti,Inspirational,Motivational

Top 10 in chanakya Niti in Hindi

13 Mar , 2018  

1.बुरी आदतों वाले पुरुष ,बुरे  स्थानों  पर रहने वाले लोग इनसे जो भी मित्रता करता है वह एक न एक दिन

धोखा  खाता है | राजा लोग  खानदानी आदमी को अपने पास क्यों रखते है | इसलिए कि वह खानदानी आदमी ,

न तो राजा को मुसीबत  मे डालता है | न  कभी धोखा देता है , न ही वह राजा के पास  इतना धन देखकर  ईर्ष्या

करता है

Chanakya niti

2.मुर्ख प्राणी   और पशु दोनों एक समान होते  है | इन दोनों मे अन्तर केवल इतना है  कि वह पशु के पावं चार और

प्राणी के पावं दो होते है |मुर्ख प्राणी के अन्दर कांटे भरे होते है | जो दिखाई नही देते , किन्तु उसकी कडवी बोली  काँटों

से भी अधिक  तेज लगती है  |

 

3.काली कुरूप कोयल  की सुन्दरता उसका स्वर है | पुरुष की सुन्दरता उसकी विध्या  है  बुरी औरत  की सुन्दरता

क्षमा  है  इसी तरह औरत की सुन्दरता उसका पतिव्रता धर्म होता है

 

4.हिम्मत करने से गरीबी दूर हो जाती  है |पूजा करने से पाप  मिट जाते है |छुप रहने से झगड़ा  मिट जाता है |

 

5.एक अच्छा  फूलदार व्रक्ष सारे वन की शोभा बढ़ा देता है  इसी प्रकार एक अच्छा बेटा सारे वंश की शोभा  बढ़ा देता है

सो  मुर्ख बेटो से एक बुद्धिमान बीटा अच्छा होता है |केवल एक वर्ष मे आग लगने से पुरे जंगल मे आग लग जाती है |

एक का ही बड़ा महत्व होता है |एक चाँद सारे संसार को प्रकाश देता है | अनेक से एक भला यदि वह सपूत हो  |

 

6.लक्ष्मी का वस् कहाँ  होता है  ? जहाँ पर मुर्ख की पूजा नही होती है |जहाँ अनाज के भंडार सदा भरे रहते  हो | पति –

पत्नी  मे झगड़ा न होता हो  बस इन स्थानों पर ही लक्ष्मी निवास  करती है |

 

7.हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ अवश्य होता है |बिना स्वार्थ दोस्ती ही नही हो सकती |यह एक कटु सत्य है |

दू:ख के समय ही दोस्ती की पहचान होती है | सुख के तो सारे साथी है |परन्तु जब इन्सान का बुरा वक्त  आता है  |उसी

समय सच्चे दोस्त की पहचान होती है |

 

8.असली दोस्त वही है जो दोस्त के काम आए | सच्चे दोस्त को भाई के समान माना गया है |यही कर्ण है कि दोस्ती  ही

इन्सान के काम आती है |

 

9.शक्तिशाली शत्रु ,कमजोर मित्र  सदा नुकसान देते है | क्युकी कमजोर मित्र  कभी भी  विश्वास घात कर सकता है |

परन्तु शत्रु  से आदमी  स्वंय होशियार रहता है |

 

10. पत्नी जैसी भी हो ,धन जितना भी हो , भोजन जैसा भी हो , यह सब  यधि समय पर मिल जाए तो सबसे अच्छा है |

यह सब पा लेने के पश्यात  उसे यह नही भूलना चाहिए  कि उसका एक और कर्तव्य भी है  विध्या प्राप्त करना |